जनजाति नायकों का देश के लिए बलिदान को जनमानस तक पहुंचाना है
वीयू में स्वतंत्रता संग्राम जनजातीय नायकों के योगदान पर संगोष्ठी व प्रदर्शनी का सफल आयोजन
जबलपुर, यशभारत। स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ के आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में वेटनरी कालेज जबलपुर में 12 सितम्बर 2022 को स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों के योगदानÓ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी,प्रदर्शनी एवं छात्रों के साथ संवाद का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार द्वारा देश भर के 125 विश्वविद्यालयों में होना सुनिश्चित हुआ है जिसके तहत विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. सीता प्रसाद तिवारी जी, के अभिप्रेरणा , मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में संपन्न हुआ है। कायज़्क्रम के मुख्य अतिथि मंत्री पशुपालन एवं डेयरी विभाग ्र प्रेम सिंह पटेल जी रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. डॉ. सीता प्रसाद तिवारी के द्वारा की गयी, विशिष्ट अतिथि निदेशक पशुपालन व डेयरी विभाग डॉ. आर. के. मेहिया रहे , राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं संयोजक डॉ. उमा कुमरे परते एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. श्रीमती मिनाक्षी शर्मा, संस्थापक कुलपति डॉ जी. पी मिश्रा, कुलपति मंगलायतन विश्वविद्यालय डॉ ए.के मिश्रा, प्रबंधन मंडल के सदस्य डॉ सुधीर यादव, डॉ हिम्मत सिंह की उपस्थिति में हुआ । कार्यक्रम मुख्य अतिथि द्वारा पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, जबलपुर प्रांगण में स्थित अमृत नंदेश्वर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, वंदन किया तद्उपरात स्वतंत्रता संग्राम के जनजाति नायकों के वीर गाथाओं एवं जनजाति पोषक, आभूषणो, पकवान, साहित्य व औषधियों जैसे सामग्रियों से सुसज्जित प्रदशज़्नी का उदघाटन मंत्री के कर कमलो द्वारा किया गया।
तत्पश्चात अतिथियों द्वारा सभागार में संगोष्ठी का प्रांरभ संगोष्ठी का शुभारम्भ माँ सरस्वती जी के समक्ष्य दीप प्रज्वलन कर एवं जननायकों के चित्र पर पुष्पांजली अपिज़्त की गयी।
विश्वविद्यालय गीत की मनोरम उपरांत मंचासीन
मुख्य अतिथि मंत्री पशुपालन एवं डेयरी विभाग प्रेम सिंह पटेल विशिष्ट अतिथि निदेशक पशुपालन व डेयरी विभाग डॉ. आर. के. मेहिया , विश्वविद्यालय कुलपति एवं कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. डॉ. सीता प्रसाद तिवारी , मुख्य वक्ता एवं संयोजक डॉ. उमा कुमरे परते एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. श्रीमती मिनाक्षी शमाज़्,. उमा कुमरे परते एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. श्रीमती मिनाक्षी शमाज़्, संस्थापक कुलपति डॉ जी. पी मिश्रा, कुलपति मंगलायतन विश्वविद्यालय डॉ ए.के मिश्रा, प्रबंधन मंडल के सदस्य डॉ सुधीर यादव, डॉ हिम्मत सिंह वि.वि. के कुलसचिव डॉ.श्रीकांत जोशी , अधिष्ठाता डॉ. आर.के.शमाज़्, का स्वागत एवं सम्मान श्रीफल , अंगवस्त्र , पौधा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। कायज़्क्रम के प्रशासनिक संयोजक डॉ. यामिनी वमाज़् द्वारा कायज़्क्रम का परिचय प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होने इस कायज़्क्रम के आयोजन के उदेश्य से अवगत कराया।
सभागार में विश्वविद्यालय गीत प्रस्तुती उपरांत
चल चित्र आरआरआर का प्रसिद्ध गीत कुमराम भीमोरो का प्रदशज़्न किया गया तथा चल चित्र के माध्यम से देश के स्वतंत्रता संग्राम के जननायकों की शौयज़् गाथाओ को डॉक्यूमेंट्री के रूप में सभागार में प्रस्तुत किया गया। मुख्य वक्ता डॉ उमा परते ने जनजाति समूह के वीर नायक भीमानायक , सीता राम राजू का उदाहरण देते हुए उनके देश हेतु बलिदान को बताया। दिल्ली से पधारी विषय विशेषज्ञ डॉ मीनाक्षी शमाज़् ने संविधान के अनुच्छेद जो जनजाति के लिए उन्हें बताया तथा
छात्रों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं कायज़्क्रम के सम्बद्ध में अपने जिज्ञासाओं को अतिथियो के समक्ष्य रखे एवं उनसे भविष्य के लिए उनकी सोच व नीतियों को साँझा किया। कायज़्क्रम के अगले चरण में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वाले जनजाति छात्रों को प्रशस्त्री पत्र वितरण किया गया एवं और बेहतर प्रदशज़्न हेतु प्रोत्साहित किया गया।
कायज़्क्रम के अध्यक्ष प्रो डॉ सीता प्रसाद तिवारी जी ने अपने उद्बोधन ने कायज़्क्रम में जनजाति नायकों का देश के लिए बलिदान को जनमानस तक पहुंचाना तथा जनजाति छात्र छात्राओं को उनके अधिकार तथा उनके हिताथज़् सरकार की जो योजनाएं हैं उन से अवगत कराना था।
मुख्य अतिथि महोदय ने कायज़्क्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कि मध्य प्रदेश शासन निरंतर पशुपालकों की जनजाति हिताथज़् कायज़्रत है और आने वाले समय में मध्य प्रदेश अपना बहुत नाम करेगा।
इस अवसर पर छात्र छात्राओं के द्वारा रंगारंग कायज़्क्रम के तहत लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई। जिसमें मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के छात्रों द्वारा ढिमराई, वेटनरी छात्रों द्वारा करमा नृत्य, लोक नृत्यों द्वारा बैंगा नृत्य की प्रस्तुती की गई। उक्त कायज़्क्रम में वि.वि. के समस्त पदाधिकारीगण महावद्यिालय के छात्र-छात्राओं उपस्थित रहे। कायज़्क्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय गठित समस्त समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों का तथा अनुसूचित जनजाति के श्री सोहन सिंह , डॉ रूपेश वमाज़् का महत्वपूणज़् योगदान रहा योगदान रहा। कायज़्क्रम का सफल मंच संचालन डॉक्टर जोशी जोगी पूणिज़्मा सिंह एवं आभार प्रदशज़्न अधिष्ठाता डॉ आर के शमाज़् द्वारा दिया गया ।