कटनीमध्य प्रदेश

गणपति की आरती कर गणेश परिक्रमा करने वालों को परख लिया सीएम ने, भविष्य में कटनी की सियासत में देखने मिलेंगे मोहन इफेक्ट

कटनी ( आशीष सोनी )। यदुवंशी सीएम मोहन यादव ने बहोरीबंद के मंच से मुरली बजाकर जिले की जनता का मन मोहने की पूरी कोशिश की। अपने दौरे में वे इस बात का खास ध्यान रखना नही भूले कि कटनी के किस नेता को कितना वजन देना है। बंशी की धुन छेड़कर किस नेता पर सूबे के राजा कितना मोहित हुए यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि मोहन यादव सियासी संतुलन साधने के हुनर में माहिर नेता है। शिवराज सिंह के जमाने में कई तरह के मिथक चला करते थे, लेकिन मोहन यादव की जिले के राजनीतिक फलक पर पहली एंट्री उन मिथकों को तोड़ते हुए दिख रही है। यहां देना तो उन्हे 3 घंटे 10 मिनट का ही वक्त था, किंतु कटनी की नब्ज टटोलकर उन्होंने अपना समय बढ़ाया और एकसाथ कई संदेश देकर रवाना हुए। उन्होंने खुद गणेश चौक पहुंचकर भगवान विघ्न विनाशक की आरती उतारी और पदों की लालसा में गणेश परिक्रमा करने वाले नेताओं के मंसूबे भी भांप लिए। आने वाले दिनों में समूचे प्रदेश के साथ कटनी जिले में भी रिक्त पड़े कई पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां होना है, जिनमें मोहन इफेक्ट दिखलाई पड़ सकता है।

महाकाल को वास्तविक राजा मानने वाले उज्जैन के बेटे मोहन यादव पिछली सरकार में शिक्षामंत्री रहते कटनी आ चुके थे, लेकिन इस बार सूबे की सत्ता संभालने के 9 माह बाद उनके जेहन में कटनी का खयाल आया। राजा के खाली हाथ जनता से मिलने की परंपरा इस मुल्क के इतिहास में कभी नहीं रही, लिहाजा बहोरीबंद के किसानों को सिंचाई की सुविधा मुहैया कराने 1011 करोड़ की लिफ्ट इरिगेशन परियोजना की बड़ी सौगात लेकर वे कटनी में हाजिर हुए। इस दरियादिली के साथ उन्होंने बहोरीबंद को नगर परिषद बनाने की घोषणा भी लगे हाथ कर डाली। ऐसा करते हुए उन्होंने इस बात का भी खास ध्यान रखा कि घोषणाएं उतनी ही की जाएं, जितनी धरातल पर उतारी जा सकें। पिछली सरकारों के बुरे अनुभवों को सहने वाली जनता मोहन सरकार से काफी आशाएं संजो चुकी है। सीएम अपनी पहली कटनी यात्रा में उन आशाओं को पूरा करते नजर आए। उन्होंने अनवरत बारिश के बावजूद तमाम कार्यक्रमों में शिरकत कर सीधा संदेश दिया कि वे काम करने वाले मुख्यमंत्री की छवि गढ़ने की ओर निकल चुके हैं। उनके इस संकल्प में केवल सत्ता ही नहीं बल्कि संगठन की भी पूरी अहमियत है। इसी वजह से उन्होंने कटनी शहर में पार्टी के सदस्यता अभियान के आयोजन में शामिल होकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। अरिंदम के मंच से उन्होंने साफ कह दिया कि वे सीएम के साथ पार्टी के एक कार्यकर्ता भी हैं। पद के अभिमान से परे उनका यह भाव परिसर में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं को जैसे परीक्षा की घड़ी में संजीवनी दे गया।

मुख्यमंत्री मोहन के कटनी दौरे के लिए पहले बहोरीबंद का कार्यक्रम तय किया गया था, लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र में आयोजित सदस्यता अभियान के कार्यक्रम की अनदेखी वे कैसे कर सकते थे। खासकर जब वीडी शर्मा खुद भी उनके साथ मौजूद हों। चंद घंटों में कटनी में मिले स्नेह को देखते हुए समय की बंदिशों से परे जाकर मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ रिश्ते निभाने का जरूरी काम भी बखूबी कर लिया। विधायक संदीप जायसवाल की बिटिया के विवाह के समय उपस्थित न हो पाने के बकाए को चुकाने वे उनके निवास पहुंचे। यहां अनेक प्रतिष्ठित लोगों से उनकी मेल मुलाकात हुई। हास परिहास के माहौल में पुरानी यादें ताजा हुई और विकास की बातें भी साझा हुई। संदीप ने कटनी के विकास से जुड़ी कुछ बातें मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाई, जिस पर उन्होंने इन पर आगे काम करने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री का कटनी आगमन गणेशोत्सव के शुभ मौके पर हुआ, लिहाजा उन्होंने गणेश चौक पहुंचकर भगवान विघ्न विनाशक की आरती का पुण्य लाभ भी अर्जित किया। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने अपने पहले कटनी दौरे में यहां की राजनीतिक परिस्थितियों को बारीकी से समझते हुए आगे का रोडमैप तय कर लिया होगा। एमपी की इस व्यवसायिक नगरी के सियासतदारों में से किसे कितना वजन देना है, इसकी तैयारी भी उन्होंने कर ही ली होगी। आने वाले समय में इसके नतीजे शहर को देखने मिल सकते हैं। वैसे कटनी को फिलहाल इस संतोष के साथ जीना पड़ेगा कि उसके इलाके में वीडी शर्मा जैसे बड़े नेता सांसद बनकर मौजूद हैं। भविष्य में कटनी के किसी नेता का कद बढ़ेगा भी तो अब मुख्यमंत्री की मर्जी पर। फिलहाल तो राजनीतिक नियुक्तियां की फाइल तैयार है, इसलिए मोहन यादव गणेश परिक्रमा करने वालों की थाह लेकर राजधानी की ओर कूच कर चुके हैं।

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