कलेक्ट्रेट में जब होने लगी त्रेता युग की बातें: राम भक्त हनुमान के नाम से रखा है हनुमानताल का नाम इसलिए मछली न मारी जाएं
-मेयर इन काउसिंल की बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद लोग बाज नहीं आ रहे
जबलपुर, यशभारत। त्रेता युग में भगवान विष्णु ने मयार्दा पुरूषोतम श्रीराम के रूप में जन्म लेकर लोगों का उद्धार किया, इस युग में भगवान श्रीराम ने हिंसा छोड़ अहिंसा के मार्ग पर सबको चलना सिखाया, जीव- जंतुओं को मारना पाप बताया गया । इस कायज़् में अंजनी पुत्र हनुमान जी ने भगवान का साथ दिया। इसी के तहत हनुमानतालाब का नाम करण भी हुआ। यह धमज़्मयी बाते कलेक्ट्रेट में उस वक्त सुनाई दी जब दुगामज़्ंदिर निवासी और शाकाहार रत्न अवार्ड प्राप्त करने वाले सुरेशचंद्र जैन हनुमानतालाब से मछली मारने की रोक लगाने का आवेदन लेकर पहुंचे।
शिकायतकर्तां सुरेेशचंद्र जैन ने बताया कि मेयर इन काउसिंल की बैठक में सवज़्सम्मति से प्रस्ताव पास हुआ था कि हनुमानतालाब से मछली नहीं मारी जाएगी बाबजूद लोग मछली मार रहे हैं। पूरा क्षेत्र धमज़्मयी है, हिंदू त्यौहारों में हनुमानतालाब में पहुंचकर लोग पूजन-अचज़्न करते हैं और धामिज़्क ग्रंथों में किसी जीव का हिंसा करना पाप है। अगर ऐसी स्थिति में हनुमान तालाब से मछली मारी जाएगी तो एक प्रकार से हिंसा है।
भतीजा कलेक्टर रह चुका है, भाई ने ली दीक्षा
सुरेशचंद्र जैन बताते हैं कि उन्होंने शाकाहार को लेकर एक अभियान छेड़ा है। इसमें परिवार का सहयोग भी मिल रहा है। सुरेशचंद्र जैन ने बताया कि राहुल कुमार जैन उनका भतीजा है जो उमरिया जिले का कलेक्टर रह चुका है साथ ही एक भाई ने दीक्षा ली है।
पुण्य स्थल पर बंद हो जीव जंतुओं की हिंसा
सुरेशचंद्र जैन ने कलेक्टर से मांग रखी है कि ऐसे पुण्य स्थलों पर जीव जंतु की हिंसा पर रोक लगनी चाहिए। हनुमान तालाब के आसपास सभी धमोज़्ं के देवालय है और एक अलग ही अनुभूति यहां पर होती है इसलिए तालाब से मछली मारने पर रोक लगाकर इस स्थल को और भी सुंदर बनाया जा सकता है।