जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

कचरे के ढेर में बैठा है जबलपुर फिर भी दूसरे प्रदेशों से मंगाया जा रहा कचरा

यूपी-भोपाल, गुजरात से मंगाया जा रहा कचरा, प्लांट को रोज चाहिए साढ़े 6 टन कचरा मिल रहा साढ़े 3 सौ टन

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जबलपुर, यशभारत। कठौंदा में स्थापित कचरे से बिजली बनाने के प्लांट पर संकट मंडरा रहा है। प्लांट चालू होने के बाद से ही पूरी क्षमता का कचरा नहीं मिल पाया। प्लांट लगाने वाली कंपनी कचरे के लिए शहर-शहर कचरा तलाश रही है। यूपी, गुजरात और भोपाल सहित अन्य जिलों से कंपनी कचरा मंगवा रही है। प्लांट को रोजाना साढ़े 6 सौ टन कचरे की जरूरत है लेकिन जबलपुर में सिर्फ साढ़े तीन सौ टन कचरा ही निकल रहा है।

मालूम हो कि नगर निगम और एस्सल ग्रुप के बीच पीपीपी मॉडल पर अनुबंध है। ग्रुप ने कठौंदा में लगभग 178 करोड़ रुपए की लागत से प्लांट लगाया है। 20 साल तक प्लांट चला कर कंपनी अपनी लागत व मुनाफा निकालेगी। इसके बाद प्लांट का स्वामित्व निगम के हाथों में आ जाएगा। राज्य सरकार ने 20 करोड़ का अनुदान दिया है। प्लांट की क्षमता 600 टन रोज की है।

कहां से कितना आ रहा कचरा
-600 टन कचरा रोज चाहिए
-300 टन कचरा शहर से रोज
-15 से 20 टन कचरा गुजरात से
-02 से 03 टन कचरा भोपाल से
-05 से 06 टन कचरा यूपी से
-30 से 40 टन पुराने कचरे का रोज होने वाला उपयोग
– एस्सल ग्रुप ने राज्य सरकार से प्रति यूनिट छह रुपए की दर से बेचने का किया अनुबंध निगम को प्रति टन कचरा के एवज में प्लांट कंपनी से 20 रुपए मिलेंगे
इस तरह से आ रही समस्या
-450 टन कचरा निकलने का दावा किया था निगम ने अनुबंध के समय
-600 से 650 टन कचरा निकलने का दावा किया गया था डोर-टू-डोर
-शहर से औसतन कचरा 300 टन तक ही निकल पा रहा है
-प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने के लिए 600 टन कचरा रोज चाहिए
-शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन लागू होने के बाद 100 से 150 टन कचरा और निकलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ मुश्किल से 300 टन कचरा निकल रहा है।
कचरे की कमी है इसलिए बाहर से बुलाया गया
कठौंदा प्लांट के कर्मचारी मकसूद अहमद ने बताया कि कचरे की समस्या लगातार बनी हुई है इसलिए बाहर से कचरा मंगाया जा रहा है। वि िभन्न जिलों और प्रदेशों से 40 गाड़ियां कचरे लेकर आई है।
पर्याप्त मात्रा में नहीं निकल रहा कचरा
नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्लांट की क्षमता साढ़े 6 सौ टन है उसके हिसाब से शहर से कचरा नहीं निकल पा रहा है। इसलिए एक्सल कंपनी बाहर से कचरा मंगा रही है।

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