जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

संकरी सड़क, अधूरे निर्माण के बीच घमापुर चाैराहे पर चालू कर दिया ट्रैफिक सिग्नल, उलझ रहे वाहन

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जबलपुर, । बिना कार्ययोजना के स्मार्ट सिटी द्वारा कराए जा रहे विकास कार्य नागरिकों के लिए सुविधा कम समस्या ज्यादा पैदा कर रहे है। अब घमापुर चौराहे को ही देख लें। शहर के व्यस्तम चौराहों में शुमार घमापुर चौराहे से रांझी तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट रोड बनाई गई है। लेकिन घमापुर चौराहे को जोड़ने वाले करीब तीन सौ मीटर के हिस्से को अधूरा ही छोड़ दिया गया। उसमें भी ट्रैफिक पुलिस ने यातायात व्यवस्था बेहतर बनाने की मंशा से चौराहे का ट्रैफिक सिग्नल चालू कर दिया हैं। सिग्नल चालू होने से लोगों की समस्या कम होने की बजाय बढ़ती दिख रही है, क्याेंकि ट्रैफिक सिग्नल तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन यातायात बेहतर तरीके से संचालित होता रहे इसके चौराहे के लेफ्ट टर्न खोले ही नहीं गए। घमापुर कांचघर तरफ की उबड़-खाबड़ सड़क, बीच में अधूरा डिवाइडर और सड़कों के दोनों तरफ किए गए कब्जे वाहन चालकों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैंं। वहीं चौराहे के चारों तरफ की संकरी सड़कें भी यातायात व्यवस्था ध्वस्त करती दिख रही है।

चौड़ाई कम होने से सिग्नल ग्रीन होते मोड़ पर फंस रहे रहे वाहन

चौराहे को जोड़ने वाले मुख्य मार्गो की चौड़ाई 30 से 40 फीट होने और उसमें भी दोनों तरफ अतिक्रमण होने के कारण ट्रैफिक सिग्नल रेड होने पर जहां आधा किमी दूर तक जाम लग रहा है। वहीं सिग्नल ग्रीन होने के बाद जल्द आगे निकलने की होड़ में वाहन चालक आपस में उलझ कर फंस रहे हैं। फिर चाहे बेलबाग की तरफ जाना हो या रद्दी चौकी की तरफ या फिर कांचघर या अंबेडकर चौक की तरफ। बिना पूर्व कार्ययोजना किए जा इस प्रयोग के कारण वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गई है।

सभी चौराहे का हुआ सौंदर्यीकरण अछूता रहा घमापुर चौराहा

नगर निगम, स्मार्ट सिटी द्वारा शहर के करीब 22 से ज्यादा चौराहों का विकास किया गया। इनका सौंदर्यीकरण कराया गया। करीब 12 चौराहों में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाकर यातायात व्यवस्था बेहतर की गई। लेकिन घमापुर चौराहा विकास से अछूता रहा। अाज भी ये चौराहा कस्बा ही नजर आता है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम ने इसे चौड़ा करने के प्रयास नहीं किए। शहर के सभी चौराहों के लेफ्ट टर्न खुलवा कर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की राह आसान करने वाले तत्कालीन निगमायुक्त वेदप्रकाश ने घमापुर चौराहे के भी लेफ्ट टर्न खुलवाने वाले चाहे। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते चौराहे के लेफ्ट टर्न नहीं खुल पाए। तब से लेकर अब तक चौराहा जस का तस ही है।

रोजाना 80 हजार से से ज्यादा लोग करते है आवागमन

घमापुर चौराहा शहर अधारताल रद्दीचौकी, कांचघर, रांझी, बेलबाग सराफा, हाई कोर्ट कलेक्ट्रेट को जोड़ता है। रोजाना इस चौराहे से करीब 80 हजार से ज्यादा वाहन चालक गुजरते हैं। बावजूद इसके चौराहा आज तक नहीं संवर पाया।

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