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मुख्यमंत्री  ने केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने पर कहा- अरविन्द केजरीवाल को पद का मद ;मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाना… दुर्भाग्यपूर्ण है

भोपाल यश भारतl डॉ यादव ने कहा कि अपने देश का इतिहास है कि जब किसी पर कोई आरोप लगता है तो वो सबसे पहले अपना इस्तीफा देता है l

 

जब तक आरोप से बरी ना हो जाए, तब तक वो अपना दायित्व नहीं लेता।लाल बहादुर शास्त्री जी से लेकर श्री लालकृष्ण आडवाणी जी तक किसी ने अपना दायित्व नहीं लिया।

 

जब उप प्रधानमंत्री  श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का एक डायरी में झूठा नाम आया था, तब उन्होंने तुरंत सभी पदों से इस्तीफा दिया थाl

यहां तक की सांसद पद तक से भी इस्तीफा दिया और कोर्ट को फेस किया।कोर्ट को फेस करने के बाद ही ये डिसाइड हुआ कि वो पार्टी का चुनाव लड़े और बाद में वो पदाधिकारी हुए।

मैं मान कर चलता हूं कि लोकतंत्र में अगर किसी के ऊपर उंगली उठ रही है, और उसके ही पार्टी के ही दो-दो मंत्री इसी आरोप में जेल में बंद हैं।

जिन्हें लगातार प्रयास करने के बाद भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट.. कहीं से जमानत नहीं मिली।

शराब कांड के मामले में जब केजरीवाल के पास 9 बार समन गए, वो हाईकोर्ट गए और जब हाई कोर्ट ने रिलीफ नहीं दी, तो ऐसे में स्वतः इस्तीफा देकर पहले अपने ऊपर लगे आरोप को फेस करते और बरी होने के बाद वो अपनी सरकार चलाते।

मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाना ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है, आज तक कभी ऐसा समय नहीं आया।

पद का इतना मोह, लोभ केजरीवाल जी को शोभा नहीं देता।अरविंद केजरीवाल को पद का मद चढ़ रहा है। इससे उनको बाहर आना चाहिए।

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