जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता पैदा करके इस स्पर्धा में जबलपुर को प्रदेश में अव्वल स्थान दिलाने के प्रयास करें…कलेक्टर

(कलेक्टर ने ली निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधनों की बैठक)

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जबलपुर कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने निजी स्कूलों के प्रबंधकों से 21 मार्च से 27 मार्च तक आयोजित स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने तथा अपने संस्थान में प्ले स्कूल, नर्सरी, केजी एवं पहली कक्षा के छह वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों का हेल्थ डेटा पोषण ट्रेकर एप पर अनिवार्य रूप से दर्ज करने का अनुरोध किया है। कलेक्टर आज मानस भवन में आयोजित शहर के सभी निजी स्कूलों के प्रबंधकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जिला पंचायत की सीईओ डॉ सलोनी सिडाना एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एम एल मेहरा भी मौजूद थे।
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा ने बैठक में कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस स्पर्धा में जबलपुर को प्रदेश में अव्वल स्थान दिलाने के प्रयास होने चाहिये। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण को दूर करने के मकसद को लेकर पूरे देश में एक साथ आयोजित की जा रही स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा में हिस्सा लेने वाली निजी शिक्षण संस्थाओं को जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जायेगा।
कलेक्टर ने कहा कि स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा में हिस्सा लेने निजी शैक्षणिक संस्थायें को अपने यहां अध्ययनरत छह वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बच्चे का लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड के माध्यम से पोषण ट्रेकर एप पर उम्र, वजन और ऊंचाई दर्ज करना होगा। यदि बच्चा स्वस्थ है तो सिस्टम से ही उन्हें इस आशय का प्रमाण-पत्र प्राप्त होगा जिसे वे बच्चे और उसके माता-पिता को प्रदान कर सम्मानित कर सकते हैं। इससे अन्य बच्चों के माता-पिता में भी अपने बच्चे के पोषण और स्वास्थ के प्रति जागरूकता आयेगी।
डॉ इलैयाराजा ने साफ किया कि बच्चों में पोषण का सबन्ध जितना गरीब परिवारों से है उतना ही सम्पन्न परिवारों से भी है। केवल गरीब परिवारों के बच्चे ही कुपोषण का शिकार होते हैं यह कहना गलत है। उन्होंने स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा के दौरान गम्भीर रूप से कुपोषित पाये गये बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराने के लिये माता-पिता को प्रेरित करने का आग्रह भी निजी स्कूलों के प्रबंधकों से किया, ताकि बच्चे के पोषण स्तर में सुधार लाने के साथ-साथ उनके माता-पिता की काउंसलिंग भी की जा सके।
बैठक के प्रारंभ में जिला पंचायत की सीईओ डॉ. सलोनी सिडाना ने स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा और इसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्पर्धा के लिए जिले भर में 0 से 6 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों का पोषण ट्रेकर एप पर एंट्री की जायेगी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगी तथा बच्चों की उम्र के साथ-साथ उनका वजन एवं ऊंचाई पोषण ट्रेकर एप पर दर्ज करेंगी। जिला पंचायत की सीईओ ने बताया कि स्पर्धा के लिए बच्चों के सर्वे के कार्य में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी बढ़-चढ़कर भागीदारी की जा रही है। बच्चों के सर्वे एवं एप पर एंट्री के लिए अभी तक 57 स्वयंसेवी संगठनों को जिला प्रशासन द्वारा लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड प्रदान किया गया है। ये स्वयंसेवी संगठन बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए माता-पिता को जागरूक भी करेंगे।

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