नान-अल्कोहलिक फैटी लीवर के मरीज ढूंढने चलेगा अभियान : 1 जून से होगी स्वस्थ यकृत मिशन की शुरुआत

सिवनी यश भारत:-सिवनी जिले में नान-अल्कोहलिक फैटी लीवर के मरीज ढूंढने अभियान चलाया जाएगा। जिसको लेकर जिले का स्वास्थ्य अमला सक्रीय हो गया है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जयपाल सिंह ठाकुर ने कि मोटापा,मधुमेह,बैठे रहने की जीवन शैली और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसे कारकों के कारण आज भारत में प्रत्येक तीन में से एक वयस्क नान अल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज (एन ए एफ एल डी) से पीड़ित है।
शराब के सेवन के बिना भी जो लोग फैटी लीवर की समस्या से जूझ रहे हैं ऐसे में उनकी पहचान और समुचित उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान शुरू करने जा रहा है।सिवनी जिला सहित पूरे प्रदेश में 1 जून से इसकी शुरुआत होगी। एन ए एफ एल डी के लिए अभियान शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। जिसे स्वस्थ्य यकृत मिशन नाम दिया गया है।अभियान के दौरान तीन मापदंडों पर मरीजों की स्क्रीनिंग की जावेगी।इससे पीड़ित व्यक्ति मिलने पर पंजीयन कर जरूरी उपचार के लिए जागरूक भी किया जाएगा। अभियान के लिए जिले के चिकित्सकों सहित आशा कार्यकर्ता एएनएम को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।अभियान को लेकर नोडल अधिकारियों की ट्रेनिंग भोपाल में हो चुकी है।
इन तथ्यों को नजरअंदाज नहीं करना है:-
लिवर में 10% से अधिक फैट होना हानिकारक है यह तथ्य फाइब्रोस्कैन से ही सामने आता है, सोनोग्राफी में पता नहीं चल पाता। अगर फैट 30% से अधिक है तो सोनोग्राफी से पता किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त लिवर फंक्शन टेस्ट भी महत्वपूर्ण है महिलाओं में 19 से ज्यादा एसजीपीटी और पुरुषों में 30 से ज्यादा एसजीपीटी फैटी लीवर का लक्षण हो सकता है।वहीं मधुमेह से पीड़ित 30 से 50 फ़ीसदी मरीज में फैटी लीवर की समस्या हो सकती है।
चिकित्सकों और मैदानी अमले को दी जाएगी ट्रेनिंग:-
नोडल अधिकारी डॉक्टर वंदना कमलेश ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने स्वस्थ्य यकृत मिशन के लिए इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलियरी साइंस दिल्ली के साथ एम ओ यू किया है। इस संबंध में संचालक डॉक्टर शिवकुमार सरीन द्वारा जिले के नोडल अधिकारियों को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है।स्क्रीनिंग के लिए जिले में चिकित्सकों और मैदानी अमले को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।आशा कार्यकर्ता मधुमेह और कमर के माप के आधार पर स्क्रीनिंग कर लोगों को स्वास्थ्य केंद्र लाएंगी, जहां बीएमआई भी चेक होगा,इसके पश्चात फाइब्रोस्कैन टेस्ट कराया जावेगा। किन हितग्राहियों को होगी जांच की जरूरत ऐसे लोग जिन्हें शुगर की समस्या है,ऐसे पुरुष जिनकी कमर का नाप 90 सेंटीमीटर से अधिक है,ऐसी महिलाएं जिनकी कमर का नाप 80 सेंटीमीटर से अधिक है,ऐसे व्यक्ति जिनका बीएमआई 23 व इससे अधिक है।
इन लक्षणों पर ध्यान देने की आवश्यकता है:-
पेट में दर्द, थकान या पीलिया जैसे लक्षण लिवर फंक्शन टेस्ट असामान्य, फाइब्रोस्कैन में एडवांस फाइब्रोसिस।







