तीन किमी बल्लियों पर लटकाकर अस्पताल ले गए प्रसूता को मामला बैतूल जिले के आमला क्षेत्र का, प्रसूता की बिगड़ गई थी हालत
भोपाल । प्रदेश के बैतूल जिले के आमला क्षेत्र में एक प्रसूता की तबियत खराब होने पर उसे तीन किलोमीटर तक बल्लियों पर लटकाकर मुख्य सडक तक लेकर गए। उसके बाद वहां से वाहन में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया गया। क्षेत्र में कच्ची सड़क होने और नाले पर पुल ना होने से ग्रामीण प्रसूता को लकड़ी और कपड़े से बनाई झोली में टांगकर मुख्य सड़क तक ले गए। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की पोल खोलने वाला वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रसूता को आमला के अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां हालत में सुधार ना होने पर परिजन नागपुर के अस्पताल ले गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार आमला क्षेत्र में कलमेश्वरा ग्राम पंचायत का बोदुड़ रैय्यत गांव वर्षाकाल में टापू का रूप ले लेता है। गांव तक पहुंचने वाली सड़क कच्ची है और दो नाले बाढ़ आने पर राह रोक देते हैं। इस वजह से ग्रामीणों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। गांव में किसी के बीमार हो जाने पर अक्सर उसे कंधों पर मुख्य सडक़ तक लाना पड़ता है। आमला के जितेंद्र शर्मा ने बताया कि ग्राम की सुकरती बेठेकर नामक महिला का 14 अगस्त की रात घर में प्रसव हो गया था। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। तेज वर्षा जारी रहने से परिजन उसे अस्पताल नही ले जा पाए। 16 अगस्त को वर्षा थम जाने पर ग्रामीणों ने प्रसूता को लकड़ी और कपड़े से बनाई गई झोली में टांग लिया और पैदल कच्ची सड़क से होकर नाले पार कर मुख्य सड़क तक लेकर आए। वहां से निजी वाहन से उसे आमला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। आमला के बीएमओ डा. अशोक नरवरे ने बताया कि प्रसूता को भर्ती कर प्राथमिक उपचार दिया गया था। अत्यधिक रक्त स्राव होने से जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन परिजन नागपुर के किसी अस्पताल में ले गए। ग्राम के सुखलाल बेठेकर ने बताया कि पक्की सडक़ और नाले पर पुल नहीं होने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बहुत प्रयास के बाद सुदूर सडक़ स्वीकृत हुई थी जो वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। मुख्य सडक़ तक जाने वाले रास्ते में दो नाले पड़ते हैं जिन पर पुल नहीं होने से वर्षाकाल में वाहनों का आवागमन बंद हो जाता है।