
जबलपुर, यशभारत। स्वास्थ्य की अहम व्यवस्थाएं कहां तक चरमरा सकती है, इसकी बानगी यदि देखनी है तो चले जाइए विक्टोरिया हॉस्पिटल? जी हाँ, गर्मी अपने शवाब पर है, लेकिन मजाल है कि अस्पताल में वर्षों से लगी, कबाड़ हो चुकीं ठप्प दर्जनों एसी को सुधारा जा सके। हद तो तब हो गयी जब बर्न वार्ड के मरीज गर्मी से तडफ़ने लगे और स्टाफ से शिकायत की। लेकिन हमेशा की तरह ही कोई सुनाई नहीं हुई। परेशान मरीजों ने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की, ताकि त्वरित समाधान हो सके। लेकिन सरकारी तंत्र में हेल्पलाइन का मंत्र भी फेल हो गया और कोई समाधान नहीं हुआ। थकहार कर गर्मी से तडफ़ रहे मरीज अपने घर से पंखा उठा लाए। लेकिन तब भी विक्टोरिया प्रबंधन के कान में जूं तक नहीं रेंगी।

पीडि़त सतीश कुमार पांडे ने रुंधे स्वर से बताया कि उनका मासूम बेटा गर्म पानी से जल गया था। जिसके बाद तत्काल विक्टोरिया में भर्ती कराया गया। लेकिन यहां एसी और पंखे बंद है। लिहाजा मामले की हाथ जोड़कर शिकायत की गई। लेकिन विक्टोरिया प्रबंधन ने उनकी एक ना सुनी।
5 दिन बाद भी सीएम हेल्प लाइन ने कहीं की कार्रवाई
पीडि़त सतीश कुमार ने बताया कि 18 मार्च 2022 को बच्चे को भर्ती किया गया था, एसी बंद होने की शिकायत एक दिन बात सीएम हेल्पलाइन में की थी। लेकिन अभी पांच दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुनाई नहीं हो सकी।
…तो घर से ले आओ कूलर!
पीडि़त ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में भी सुनाई नहीं होने के बाद उन्होंने प्रबंधन ने पुन: मामले में निराकरण करने की शिकायत की। लेकिन कोई समाधान निकालना तो दूर, उल्टे प्रबंधन ने नेक सलाह देते हुए दो टूक कह दिया कि यदि ज्यादा गर्मी लग रही है तो घर से कूलर ले आओ। यहां जब व्यवस्था होगी तभी एसी चालू हो सकेंगी।
उबल रहा शरीर
वहीं विक्टोरिया वर्न वार्ड में भर्ती महिला ने बताया कि मिया-बीबी की लड़ाई के बाद उसने स्वयं आग लगा ली थी, लेकिन वह बच गयी। लेकिन यहां तो जीना भी बद्तर है। एसी नहीं होने से गर्मी में पूरा शरीर उबल रहा है। लेकिन स्टाफ और डॉक्टर सुनने भी तैयार नहीं ।