कोयला परिवहन कर रहे ट्रेलर ने अबोध बालक को कुचला, कालरी प्रबंधन ने लगाई जान की कीमत
मुआवजा व नौकरी की मांग पर मंत्री के इंतजार में सुबह से धरने में बैठे रहे ग्रामीण व परिजन, परिणाम रहा सिफर
अनूपपुर। अनूपपुर जिले के भालूमाड़ा और कोतमा थाना अंतर्गत आमाडाड बरतराई से गोविंदा साइडिंग तक रोड सेल का कोयला परिवहन कर रहे ओवरलोड मालवाहक वाहन मनमाने तरीके से दौड़ रहे है। जिनके पहियों के नीचे आये दिन कभी कोई जानवर तो कभी मासूम तो कभी महिलाओं और पुरुष चपेट में आके दम तोड़ रहे है। अपने मदमस्त चाल में चलने वाले इन ओवर लोड वाहनों पर न तो एसईसीएल प्रशासन और नाही जिला प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही की जा रही है जिससे कोयला ट्रांसपोर्टों के नौसिखिए वाहन चालकों द्वारा सड़कों के साथ जानवरो व इंसानी जीवो के भी परखच्चे उड़ाते हुए वाहन चलाये जा रहे हैं। बीते 1 माह के अंदर सड़क परिवहन से दुर्घटना से हुई मौत की यह दूसरी घटना है। जिंसमे जिला प्रशासन के किसी भी बड़े अधिकारी व किसी भी नेता या कालरी प्रबंधन ने सामने आकर परिजनों को सांत्वना देने की जहमत नही उठाई। जिससे आम जनता में कालरी प्रबंधन व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी साफ नजर आती है। ऐसी ही दूसरी घटना रविवार की सुबह भालूमाड़ा थाना अंतर्गत पयारी क्रमांक 02 से आमाडाड रोड में 8 वर्षीय मासूम को हरजीत कोल ट्रांसपोर्ट के ट्रक ने रौंद दिया। इसके बाद इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई मासूम की मौत के बाद परिजन और ग्रामीणों ने लगभग 8 घंटे तक चक्का जाम किया 8 घंटे के चक्का जाम के बाद भी परिणाम परिजनों के पक्ष में नहीं निकला।
क्या है मामला।
जिले के भालूमाडा थाना अंतर्गत पयारी क्रमांक 2 एवं निमहा गांव के मध्य रविवार की सुबह लगभग 5 बजे दारसागर निवासी माखनलाल प्रजापति अपने 8 वर्षीय अनुराग को पेट दर्द होने पर दिनाई झड़वाने अपनी मोटरसाइकिल से निमहा गांव से रविवार की सुबह वापस आ रहा था। तभी आमाडांड से भालूमाडा की ओर आ रहे ट्रक क्रमांक सीजी 12 एस 6073 के चालक द्वारा टेलर को अचानक बैक करने के दौरान चपेट मे आने से घायल 8 वर्षीय बालक अनुराग प्रजापति पिता माखन प्रजापति की उपचार दौरान जिला चिकित्सालय अनूपपुर में मौत हो गई, घटना कारित करने के बाद चालक मौके से फरार होगया है, वही घटना से नाराज ग्रामीणों द्वारा मुआवजा और नौकरी की मांग कर वाहन के सामने धरने पर बैठ कर कई घण्टो तक चक्का जाम किया गया। लगभग 5 घण्टो बाद पुलिस प्रशासन एसडीएम अजीत तिर्की, एसडीओपी कोतमा व कालरी से सब एरिया मौके पर पहुंचे व 30 हजार से 1 लाख तक मुआवजा व किसी 1 नौकरी का दिलासा दिए मगर सहमति न बन पाने के कारण कई घण्टो तक धरना प्रदर्शन जारी रहा।
प्रबंधन की नजर में जान की 1 लाख कीमत
विदित होकि इसके पूर्व भी मोजर बियर से फ्लाई ऐश परिवहन कर रहे हाइवा से कुचलकर एक महिला की इलाज के दौरान 4 दिन बाद मौत हो गयी थी। जिस पर परिजनों ने बदरा तिराहे पर सड़क जाम कर दिए थे लगभग 5 घण्टे जाम के बाद परिजनों को मोजर बियर द्वारा 1 लाख मुआवजा व 1 नौकरी का आस्वाशन दिया गया था। विदित होकि किसी तरह की दुर्घटना से मृत्यु हो जाने पर कालरी प्रबंधन महज खानापूर्ति के नाम पर 30 हजार से एक लाख तक मुआवजा व कोई भी अनिश्चितकालीन नौकरी के नाम पर मामले को निपटाने का प्रयास करती है। जिसको लेकर आये दिन दुर्घटनाग्रस्त पीड़ित परिवार व ग्रामवासी सड़क जमकर धरने पर बैठने को मजबूर होते है। और सबसे बड़ी बात यह है कि भले ग्रामवासी व परिजन 5 से 10 घण्टे सड़क पर बैठे रहे मगर न प्रशासन न कालरी प्रबंधन न सत्ता सरकार से जुड़े मंत्री मिनिस्टरों के कान में जु नही रेंगती। ओर यदि नेता स्थल पर पहुंचते हैं तो प्रबंधन की ही जुबान बोलते नजर आते हैं।
नियम विरुद्ध चल रहा परिवहन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे हुए वाहनों के मालिकों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर 24 घंटे में एक ही ड्राइवर से काम करवाया जाता है। वही लोगों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रैकों के वाहनों पर ड्राइवर के साथ सुबह खलासियों द्वारा वाहन गैर जिम्मेदार तरीके से सड़कों पर दौड़े जाते हैं। आरटीओ के नियम के अनुसार ना तो ड्राइवर द्वारा कोई ड्रेस कोड पहना जाता है और ना ही कोई बैच लगाया जाता है। वही आरटीओ के नियम के अनुसार वाहन अपनी गति से तेज और ओवरलोड चलाए जाते हैं जिस पर किसी प्रकार की कार्यवाही आरटीओ विभाग द्वारा नहीं किया जा रहे हैं वहीं यातायात और पुलिस विभाग भी कमीशन के फेर में चुप्पी सादे हुए हैं एसीसीएल प्रबंधक कोयला ट्रांसपोर्ट करने के लिए मनमाने तरीके से कार्य कर रहा है पर ग्रामीणों को सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। प्राइवेट ट्रांसपोर्ट रोड की चल रहे वाहनों पर ना तो सीसीएल प्रबंधन अंकुश लगा पा रहा है और ना ही जिला प्रशासन किसी तरह की कार्यवाही कर रहा है।
घण्टो हुआ मंत्री का इंतजार, परिणाम रहा सिफर
घटना प्रातः काल 7 बजे की थी और परिजन व ग्रामीण सुबह 8 बजे से धरने पर बैठे थे। कालरी प्रशासन से मिलने वाली मुआवजा पर परिजन और ग्रामीण संतुष्ट नहीं थे वहीं एसईसीएल प्रबंधक द्वारा घटना पर दी जा रही राहत राशि भी परिजनों के लिए पर्याप्त नहीं थी जिस कारण से अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण और परिजन कई घंटे तक धरने प्रदर्शन करते रहें। जहां शाम 6:30 बजे धरना स्थल पर पहुंचे ग्रामीण कुटीर एवम ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जैसवाल ने परिजनों को आस्वाशन दिए व आवासीय क्षेत्रो में स्पीड ब्रेकर, वाहनों में जीपीएस सिस्टम, लगाने व घटना कारक वाहन व चालक पर कार्यवाही व सम्बंधित एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए। कालरी प्रशासन से 2 लाख मुआवजा के साथ विधायक निधि से 25 हजार सहायता, एक्सीडेंटल क्लेम से राशि दिलाने की बात कही। व वर्तमान में काम रही कम्पनी में नौकरी का आस्वाशन मिला। जनचर्चा रही कि मंत्री के आने के पूर्व भी 2 मुआवजा व कालरी प्रबंधन द्वारा नौकरी की बात पर परिजनों की सहमति नही बन पाई थी। मगर 10 घण्टे इंतजार के बाद मंत्री के आने पर भी परिणाम सिफर रहा।