मेट्रो के कमर्शियल रन को हरी झंडी देने से पहले मेट्रो ट्रेन में किया सफर

मेट्रो के कमर्शियल रन को हरी झंडी देने से पहले मेट्रो ट्रेन में किया सफर
– सीएमआरएस टीम तैयार करेगी रिपोर्ट सुरक्षा मानकों का किया परीक्षण
भोपाल यशभारत। मेट्रो के कमर्शियल रन की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम राजधानी पहुंची है। सुबह ही टीम ने सुभाषनगर स्थित मेट्रो डिपो में निरीक्षण शुरू किया। टीम का नेतृत्व कमिश्नर जनक कुमार गर्ग ने किया। करीब तीन घंटे तक डिपो के भीतर तकनीकी और सुरक्षा मानकों की बारीक पड़ताल के बाद अधिकारियों ने मेट्रो ट्रेन में सवार होकर प्रायोरिटी कॉरिडोर का जायजा लिया।

यात्री सुविधाओं की जांच की
मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, टीम ने 6.22 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रेन के साथ ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम, सुरक्षा इंतजाम और यात्री सुविधाओं की जांच की। इस दौरान सुभाषनगर स्टेशन पर टीम लगभग 30 मिनट तक रुकी और स्टेशन के प्रवेश-निकास द्वार, लिफ्ट, एस्केलेटर, टिकटिंग सिस्टम और सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखा। इसके बाद टीम एम्स स्टेशन पहुंची, जहां सवा घंटे तक सभी पहलुओं का निरीक्षण जारी रहा।
ओके रिपोर्ट मिलने के बाद शुरू होगा कर्मिशयल रन
सीएमआरएस की यह जांच भोपाल मेट्रो परियोजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मेट्रो अफसरों का कहना है कि कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की ओके रिपोर्ट मिलने के बाद ही कमर्शियल रन यानी आम यात्रियों के लिए मेट्रो का संचालन शुरू हो सकेगा। इस रिपोर्ट में ट्रैक के नट-बोल्ट से लेकर डिपो, सिग्नलिंग, पावर सप्लाई, सुरक्षा उपकरण और अन्य सभी तकनीकी मानकों की पुष्टि की जाती है।
टीम ने अधिकारियों से किए सवाल जवाब
मेट्रो परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सीएमआरएस की टीम ने निरीक्षण के दौरान कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब भी किए और सुरक्षा मानकों को लेकर दिशा-निर्देश दिए। टीम के सदस्यों ने ट्रेन के चलने के दौरान उसके शोर स्तर, ब्रेकिंग सिस्टम, आपातकालीन व्यवस्थाओं और संचालन के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की जांच की।
ज्ञात हो कि भोपाल मेट्रो का यह प्रायोरिटी कॉरिडोर शहर के मेट्रो नेटवर्क का पहला चरण है। इस कॉरिडोर को जनता के लिए खोलने से पहले सुरक्षा की सभी औपचारिकताएं पूरी करना आवश्यक है। सीएमआरएस टीम का दौरा इसी प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। सूत्रों के अनुसार, यदि निरीक्षण में सब कुछ सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरता है तो सीएमआरएस टीम ओके रिपोर्ट जारी करेगी। इसके बाद कमर्शियल रन की तारीख तय कर दी जाएगी और भोपाल के लोग मेट्रो की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। टीम एक दिन के विस्तृत निरीक्षण के बाद गुरुवार शाम को वापस लौट गई।
तैयारियां पूरी कर ली गई हैं
मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि सभी तकनीकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। परीक्षण संचालन के दौरान मिली कमियों को दूर कर लिया गया है। अब अंतिम मंजूरी मिलते ही मेट्रो सेवा आम यात्रियों के लिए शुरू कर दी जाएगी। भोपाल मेट्रो के पटरियों पर दौडऩे का सपना साकार होने के करीब है। विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो का संचालन शुरू होते ही शहर के यातायात पर दबाव कम होगा और यात्रियों को एक सुरक्षित, तेज परिवहन सुविधा मिलेगी।







