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भोपाल में ट्रैफिक सिग्नल नियमों की अनदेखी, दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा

भोपाल में ट्रैफिक सिग्नल नियमों की अनदेखी, दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा
– लाल बत्ती पर नहीं रुकते वाहन चालक

भोपाल यशभारत। राजधानी भोपाल में ट्रैफिक सिग्नल पर नियम तोडऩा आम बात हो गई है। रोज़ाना हजारों वाहन चालक लाल बत्ती की अनदेखी कर सीधे निकल जाते हैं। नियम तोडऩे के कारण न केवल यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। शहर के सबसे व्यस्त चौराहों चुनाभट्टी, पॉलिटेक्निक स्क्वायर, भारत टॉकीज़, जंगीराबाद, कमला पार्क, सिंधी कॉलोनी और कोलार क्षेत्र में रेड सिग्नल उल्लंघन के नजारे सबसे ज्यादा नजर आते हैं। ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाभट्टी स्क्वायर पर रोजाना दर्जनों वाहन चालक सिग्नल तोड़ते हैं। पॉलिटेक्निक और भारत टॉकीज़ चौराहों पर भी इसी तरह का नज़ारा रहता है।

सिग्नल और कैमरे खराब, निगरानी कमजोर
कई चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल या तो बंद हैं या फिर तकनीकी खराबी के कारण काम नहीं कर रहे। कैमरे भी कई जगह खराब पड़े हैं, जिससे रेड-लाइट उल्लंघन की रिकॉर्डिंग और चालान की प्रक्रिया बाधित हो गई है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि सिग्नल और कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी सडक़ एजेंसियों की है, जिन्होंने अब तक सुधारात्मक कदम नहीं उठाए।

दुर्घटनाओं का बढ़ता आंकड़ा
नियमों की अनदेखी के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में चुनाभट्टी स्क्वायर पर तेज रफ्तार कार ने ऑटो रिक्शा को टक्कर मार दी, जिससे चालक की मौत हो गई। मार्च–अप्रैल 2025 में एक स्कूल बस ने रेड सिग्नल पर खड़ी कई गाडय़िों को टक्कर मारी थी, जिसमें एक डॉक्टर की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, भोपाल अब ओवरस्पीडिंग और सिग्नल उल्लंघन से होने वाली दुर्घटनाओं में देश के शीर्ष शहरों में शुमार है।

पुलिस की कार्रवाई सीमित
यातायात पुलिस समय-समय पर विशेष जांच अभियान चलाती है, लेकिन लगातार निगरानी के अभाव और सिग्नल/कैमरे खराब होने से कारगर कार्रवाई नहीं हो पा रही। अधिकारियों के अनुसार, जो भी चालान होते हैं, वे ऑन-द-स्पॉट रुकवाकर ही किए जा सकते हैं, जबकि भीड़भाड़ वाले चौराहों पर यह आसान नहीं होता।

ब्लैक स्पॉटों की पहचान, सुधार का इंतजार
खजुरी, प्लेटिनम प्लाजा, निसरतपुरा, ग्यारह मील जैसे स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है। यहाँ दुर्घटनाएं आम हो चुकी हैं। रोड एजेंसियों पर आरोप है कि इन स्थानों पर सुधारात्मक कार्य वर्षों से लंबित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भोपाल में ट्रैफिक सिग्नल और कैमरों की नियमित मरम्मत, रेड-लाइट उल्लंघन डिटेक्शन सिस्टम को सक्रिय करने, ट्रैफिक पुलिस को पर्याप्त संसाधन देने और सडक़ डिजाइन में सुधार जैसे कदम तत्काल उठाए जाने जरूरी हैं। तभी सिग्नल उल्लंघन पर अंकुश लगेगा और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

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