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इंतहा हो गई इंतजार की…

 दिवाली तक भी नहीं दिख रही भाजपा महानगर कार्यकारिणी घोषित होने की उम्मीद

जबलपुर यश भारत। भारतीय जनता पार्टी जबलपुर महानगर की कार्यकारिणी की घोषणा को लेकर कार्यकर्ताओं का इंतजार अब बेचैनी में बदलता जा रहा है। जहां प्रदेश के अधिकांश जिलों और यहां तक कि जबलपुर ग्रामीण की कार्यकारिणी भी घोषित हो चुकी है, वहीं महानगर कार्यकारिणी की सूची अब तक अधर में लटकी हुई है। कार्यकर्ताओं के बीच अब फिल्मी गीत “इंतहा हो गई इंतजार की…” पूरी तरह से फिट बैठ रहा है।
सूत्रों की मानें तो कार्यकारिणी के गठन में कुछ प्रमुख पदों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। पार्टी के उच्च स्तर पर तालमेल की कमी और सीमित पदों पर अधिक दावेदारों की दावेदारी इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष पहले ही संकेत दे चुके हैं कि कार्यकारिणी का आकार छोटा रखा जाएगा, ठीक उसी तरह जैसे ग्रामीण कार्यकारिणी में 20-21 लोगों को ही स्थान दिया गया।

10 महीने बीत गए, अब भी नहीं तय कार्यकारिणी

ज्ञात हो कि महानगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर की नियुक्ति जनवरी 2025 में हुई थी, लेकिन इसके 10 महीने बीत जाने के बावजूद कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है। जब उनसे इस विषय में बात की गई तो उन्होंने इतना ही कहा कि “जल्द ही कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी।”
हालांकि, ज़मीनी स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता कि दिवाली से पहले भी घोषणा संभव हो पाएगी।

सियासी खींचतान बनी देरी की वजह

महानगर की कार्यकारिणी में चार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से तीन पर भाजपा का कब्जा है। इन क्षेत्रों के विधायक, लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद अपने-अपने समर्थकों को कार्यकारिणी में स्थान दिलवाने की कवायद में लगे हैं। यही शक्ति-संतुलन कार्यकारिणी गठन में सबसे बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहा है।
पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि पितृपक्ष के बाद कार्यकारिणी घोषित की जाएगी, फिर बात नवरात्रि तक खिसकी — लेकिन अब नवरात्रि बीते भी 12 दिन हो चुके हैं और कोई भी स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहे हैं।

कार्यकर्ताओं में असमंजस और निराशा

लंबे समय से पद की आस लगाए भाजपा कार्यकर्ता अब भ्रम की स्थिति में हैं। न तो कोई आधिकारिक तारीख बताई जा रही है और न ही अंदरूनी सूत्रों से कोई ठोस खबर आ रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब शीर्ष नेतृत्व में ही सहमति नहीं बन रही है तो फिर “समर्पित कार्यकर्ताओं की योग्यता का क्या होगा?”

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