कागजों पर दिख रहा है स्टॉक समिती पड़ी खाली
अधिकारियों ने आंखों पर बाँधी पट्टी, कलेक्टर के आदेश को कर रहे नजरअंदाज

कागजों पर दिख रहा है स्टॉक समिती पड़ी खाली
अधिकारियों ने आंखों पर बाँधी पट्टी, कलेक्टर के आदेश को कर रहे नजरअंदाज
जबलपुर, यश भारत। जिले में धान उपार्जन का कार्य खत्म हुए लगभग एक महीने का समय पूरा होने को आ रहा है। उसके बाद भी कुछ समितियो का हिसाब नहीं मिल रहा। लगभग 50000 क्विंटल ऐसी धान है जो स्टॉक में दिख रही है जिसमें लगभग एक दर्जन समितियां के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन वास्तविकता के धरातल पर वहां चद बोरिया ही मौजूद है, और बाकी धान कहां गायब हो गई इसका कोई अता पता नहीं है। जिसको लेकर लगातार जांच चल रही है लेकिन किसी पर कार्यवाही होते नजर नहीं आ रही।
कई बार बन गए पंच नामे
जिन समितियां में स्टॉक फिजिकल मौजूद नहीं है वहां पर कई बार जांच हो चुकी है जांच होने के बाद अधिकारियों द्वारा पंच नामा भी तैयार किए गए और उसके कुछ दिनों बाद फिर दोबारा वहां पर जांच होती है। जिसके पंच नामे फिर तैयार होते हैं और फिर स्टॉक में बदलाव हो जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अधिकारी हर बार नया पंचनामा किसको फायदा पहुंचाने के लिए बना रहे हैं और स्टॉक का गोलमाल किसके कहने पर हो रहा है।
कलेक्टर कह रहे एफ आई आर करो
पूरे मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना का स्पष्ट कहना है कि जहां पर भी फर्जी तरीके से एंट्री की गई है वहां पर जांच के बाद तत्काल संबंधित केंद्र प्रभारी और शाखा प्रबंधक के ऊपर एफ आई आर होना चाहिए लेकिन 15 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अधिकारी किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं , जबकि यह जग जाहिर हो गया है कि फर्जी एंट्री के माध्यम से एक्स्ट्रा फीडिंग की गई है।