जबलपुरमध्य प्रदेश

जिसे बताया बालिग वो निकला नाबालिग,आरोपी की उम्र पर पुलिस की लापरवाही आई सामने,दिव्यांग महिला से दुष्कर्म का मामला

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जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज परिसर में गत दिवस मानसिक रूप से दिव्यांग महिला के साथ दुष्कर्म करने वाला आरोपी नाबालिग निकला है। आरोपित को बालिग बताने वाली पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय के समक्ष पेश किया तो आरोपी की उम्र का खुलासा हुआ और वह नाबालिग निकला जब इसका पता न्यायालय को लगा तो कोर्ट ने विवेचक को जमकर फटकार लगाई। जिसके बाद आरोपी को किशोर न्याय पेश किया गया जिसके बाद उसे किशोर बालसुधारगृह गोकलपुर भेजा गया।  

विदित हो कि 30 जुलाई को सुबह करीब चार बजे मेडिकल परिसर में बने रैन बसेरा में मानसिक रूप से कमजोर 25 वर्षीय महिला के साथ गढ़ा निवासी किशोर ने दुष्कर्म किया। कैंपस में मौजूद लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी थी साथ ही आरोपी को पकडक़र पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने आरोपी को बालिग बताते हुए उसकी उम्र 19 वर्षीय दर्ज कर ली थी।  

19 की दर्ज, निकली 17 साल, टीआई-विवेचक तलब –बताया जाता है कि पुलिस आरोपी की उम्र 19 दर्ज की थी। इस दौरान आरोपी के दस्तेवजों की जांच नहीं की गई महिला विवेचक की लापरवाही के चलते उसकी उम्र 19 वर्ष दस्तावेजों में दर्ज कर ली गई जब आरोपी को जिला न्यायालय कोर्ट नंरबर 29 में पेश किया गया तो परिजन आधार कार्ड लेकर पहुंचे जिसके बाद अधिवक्ता द्वारा आरोपी की उम्र संबंधित दस्तावेज पेश किए आरोपी को नाबालिग  और उसकी उम्र 17 साल बताया। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।  साथ ही टीआई और विवेचक का तलब किया और आरोपी को किशोर न्यायालय में पेश करने कहा।  

मार्कशीट की हुई जांच-आधार कार्ड जन्म प्रमाण पत्र के रूप में उपयोग नहीं होता है जिसके बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी ने सगड़ा स्थित स्कूल से पढ़ाई की है जिसके बाद स्कूल पहुंची और उसकी मार्कशीट की जांच की तो पता चला कि आरोपित 17 साल 11 माह चार दिन का है। जिसके बाद आरोपी को किशोर न्यायालय मेंं पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेजा गया।

एसपी व निगमायुक्त कार्यवाही का प्रतिवेदन दें:आयोग                                                मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि दुष्कर्म के मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण पर सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, जबलपुर के पुलिस अधीक्षक एवं नगर निगम आयुक्त आयुक्त से मामले की जांच कराकर, पीडि़त महिला के साथ रैन बसेरा में हुई ऐसी घटना के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन मांगा है। साथ यह भी स्पष्ट करें कि रैन बसेरा का संचालन नगर  निगम के पास होने से वहां की देखभाल सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में क्या कार्यवाही की गई थी।

आरोपी ने अपनी उम्र 19 वर्ष बताई थी जब उसे कोर्ट मेंं पेश किया गया तो परिजन आधार कार्ड लेकर आए  तो उसकी कम उम्र दिखी जिसके बाद मार्कशीट की जांच हुई तो उसकी उम्र 17 साल 11 माह 4 दिन निकली है। इसे लापरवाही नहीं कह सकते है आरोपी देखने में किशोर नहीं लग रहा था।      देवेंद्र सिंह राजपूत, सीएसपी

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