उपराष्ट्रपति के इस्तीफे से हिल गई देश की राजनीति : जगदीप धनखड़ से मन बदलने को कहें प्रधानमंत्री: जयराम विवेक तन्खा ने साधा निशाना, जयराम रमेश की पोस्ट का किया समर्थन

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला जरूर दिया है, लेकिन इस्तीफे का यह कारण विपक्ष के गले नहीं उतर रहा है। कांग्रेस ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ बहुत बड़ी घटना घटी है।
इस्तीफे की वजह कुछ और दिख रही है।धनखड़ के देर रात को दिए इस्तीफे से हर कोई हैरान है। कोई उनके फैसले को निजी बता रहा है तो कोई सरकार के दबाव की बात कर रहा है। हालांकि हकीकत किसी को नहीं पता। इस बीच विपक्ष के कई सांसदों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। राज्यसभा में चल रहे घटनाक्रम और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। तन्खा ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश की उस सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने धनखड़ के इस्तीफे के पीछे गहरे कारण होने और राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों में सत्ता पक्ष के वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठाए थे। विवेक तन्खा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल च्ञ्चङ्कञ्जड्डठ्ठद्मद्धड्डज् पर जयराम रमेश की पोस्ट का जिक्र करते हुए लिखा, च्च्अगर कोई राज्यसभा की अंदरूनी गतिशीलता को समझता है तो वो हैं ञ्चछ्वड्डद्बह्म्ड्डद्व_क्रड्डद्वद्गह्यद्ध. उनकी पोस्ट काफ़ी कुछ उजागर करती है। तो कल की आखिरी बात के बारे में मेरी सहज समझ बहुत बुरी नहीं है!!! तन्खा का यह बयान ऐसे समय आया है जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जबकि विपक्षी दल इस इस्तीफे के पीछे राजनीतिक दबाव और राज्यसभा में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठा रहे हैं। जयराम रमेश ने अपनी विस्तृत पोस्ट में दावा किया था कि सोमवार को क्च्रष्ट की दो बैठकों में से दूसरी बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू जानबूझकर अनुपस्थित रहे, जिससे उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नाराजगी जताई थी। विवेक तन्खा का समर्थन राहुल गांधी को भी टैग करते हुए आया है, जो दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर एकजुट होकर सरकार पर हमलावर है और इसे राज्यसभा के कामकाज में हस्तक्षेप तथा संवैधानिक पदों की गरिमा के कथित उल्लंघन के रूप में देख रही है। इस घटनाक्रम से संसद के आगामी सत्र में राजनीतिक गरमाहट और बढऩे की संभावना है।
कपिल सिब्बल ने कहा- धनखड़ राष्ट्रवादी और देशभक्त
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने धनखड़ को देशभक्त बताया। उन्होंने कहा- धनखड़ ने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, इसलिए इसे स्वीकार किया जाना चाहिए और आगे बढऩा चाहिए। इस पर आगे कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए। सिब्बल ने कहा- मैं व्यक्तिगत रूप से उनके इस्तीफे से खुश नहीं हूं, क्योंकि मैं अब जब संसद जाऊंगा तो उनसे नहीं मिलूंगा। निजीतौर पर मुझे अच्छा नहीं लगा। मेरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे। वह अपनी बात कहते थे और कोई बात दिल में नहीं रखते थे। जब मैं राज्यसभा में बोलने के लिए ज्यादा समय चाहता था, तो वह मुझे और समय देते थे।
न इस्तीफा वापस लेंगे, न विदाई समारोह में शामिल होंगे
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। सुबह 11 बजे अपर सदन के कार्यवाही की शुरुआत जेडीयू सांसद हरिवंश ने की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खबर आ रही है कि जगदीप उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। ना ही विदाई समारोह में शामिल होंगे।







