सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि भाषण देते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए, उम्मीद है वे आगे ध्यान रखेंगे। कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों? कहा- उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी। वे डिसक्वालिफाई नहीं होते। सजा 1 साल 11 महीने हो सकती थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में 3 घंटे बहस चली। राहुल के वकील ने कहा कि केस करने वाले पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं उन्होंने अपना सरनेम बदला है।राहुल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा- शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने ये सरनेम बाद में अपनाया है।
भाषणों में गांधी नाम लिए जाने पर किसी एक भी आदमी ने केस नहीं किया। 13 करोड़ लोगों की यह छोटी सी मोदी कम्युनिटी है। इसमें कोई एकरूपता नहीं है। राहुल केस की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की बेंच ने की। गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि केस में राहुल की 2 साल की सजा पर रोक से इनकार कर दिया था।