भाजपा के महा सदस्यता अभियान की प्रदेश अध्यक्ष ने करी समीक्षा: कुछ की वन टू वन तो कुछ की फोन पर लग गई क्लास
जबलपुर कटनी से एक-एक तो बालाघाट से दो विधायकों को मिली हिदायत
जिनका परफॉर्मेंस अच्छा वह भी लगाए ताकत, विधानसभा चुनाव के परिणामों से की जाएगी तुलना
जबलपुर, यश भारत। भारतीय जनता पार्टी के महा सदस्यता अभियान में बड़ी संख्या में सदस्य बनाकर अपनी कॉलर ऊंची करके घूम रहे नेताओं की अकल प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने ठिकाने लगा दी। जिन्हें लग रहा था कि वह जग जीत गए हैं, उन्हें प्रदेश अध्यक्ष ने आईना दिखाते हुए और जोर लगाने को कहा। संभागीय बैठक के दौरान एक ओर जहां कुछ विधायकों को वन टू वन में बुलाकर समझाएं दी गई तो कुछ की टेलीफोन पर क्लास लगाई गई है। जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान तो सब कुछ अच्छा-अच्छा दिख रहा था लेकिन बंद कमरे में कुछ लोगों के साथ अच्छा नहीं हुआ है जिन्हें जमकर फटकार भी लगी है।
जानकारी के अनुसार जबलपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से एक सीट पर सदस्य संख्या संतोषजनक नहीं है। जिसके चलते वहां प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से जाहिर करी है । हालांकि यह सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है और भाजपा ने यह सीट बहुत बड़े मार्जिन से जीती थी उसके बाद भी सदस्यों की संख्या कम होने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कड़ी नाराजगी जाहिर करी है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिल सकती है तो फिर वह वोटर सदस्य क्यों नहीं बन सकता। इसको लेकर विधायक के साथ-साथ संगठन को भी खरी खोटी सुनाई गई।
जबलपुर में आयोजित बैठक में 1 को छोड़कर बाकी 7 सीट के विधायक तो बच गए क्योंकि उनका नंबर ही नहीं आ पाया। लेकिन जिनके परफॉर्मेंस अच्छे हैं उन्हें और अच्छा काम करने को कहा गया है । वहीं पूरे संभाग की बात करें तो कटनी से एक विधायक को और सक्रियता बढ़ाने के लिए कहा गया है, क्योंकि उनका परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं है। वहीं दूसरी तरफ बालाघाट के दो विधायकों को ईमानदारी के साथ काम करने कहा गया है। वही मंडला, नरसिंहपुर की स्थिति संतोषजनक रही।
जानकारी के मुताबिक सदस्यता अभियान के बहाने संगठन और प्राधिकरणों में पद की लालसा लगाए बैठे कुछ नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दो टूक कहा गया है कि वे सिर्फ काम करें पार्टी अपने हर कार्यकर्ता का ध्यान रखती है और उनके कार्यों का मूल्यांकन करती है। महा सदस्यता अभियान में सबसे ज्यादा दबाव इस समय उन नामो पर है जो कलप दार कुर्ते पहनकर सबसे आगे खड़े होते हैं लेकिन सदस्यता अभियान में फिसडी साबित हो रहे।