परिवार को चिट्ठी नहीं लिख सकेंगे सिमी आतंकी:एक-दूसरे से मुलाकात भी बैन
भोपाल जेल में भूख हड़ताल कर रहे सिमी के चारों आतंकियों पर एक्शन लिया गया है। वे अब अपने परिवार को चिट्ठी नहीं लिख सकेंगे। जेल प्रशासन ने उनकी एक-दूसरे से मुलाकात पर भी रोक लगा दी है। चारों आतंकी न्यूज पेपर, लाइब्रेरी, सामूहिक नमाज और घड़ी देने की मांग कर रहे हैं।
बुधवार दोपहर डेढ़ घंटे तक जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने सिमी आतंकियों से बात की। उनके साथ जेलर सरोज मिश्रा भी मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने आतंकियों से भूख हड़ताल खत्म करने को कहा। उन्हें समझाइश दी। आतंकियों ने मांगें पूरी न होने तक हड़ताल खत्म करने से साफ मना कर दिया है। दो आतंकियों की हालत बेहद नाजुक है।
जेलर सरोज मिश्रा ने बताया कि 8 अगस्त से अबू फैसल, कमरुद्दीन, कामरान और शिवली ने एक-एक कर भूख हड़ताल शुरू की थी। जेल नियमों के हिसाब से चारों ने लिखित में भूख हड़ताल की सूचना दी थी। हमने जेल मैन्युअल के हिसाब से उन्हें वॉर्निंग लेटर जारी किया। चारों ने हड़ताल खत्म नहीं की।
शुरुआती दिनों में चारों को फीडिंग के जरिए डाइट दी जाती रही। अब इन्होंने फीडिंग से डाइट लेना भी बंद कर दिया है। यहां तक कि चारों ने पानी पीना भी छोड़ दिया है।
आगे की रणनीति को लेकर की मीटिंग
बुधवार दोपहर जेल अधीक्षक, जेलर और जेल की हाई सिक्योरिटी सेल के तमाम अधिकारियों ने मीटिंग की है। भूख हड़ताल से चारों आतंकियों की सेहत लगातार गिर रही है, आगे क्या करना है? इसे लेकर इस बैठक में चर्चा हुई।
चारों आतंकियों को जेल कैम्पस से बाहर निकालने पर प्रतिबंध है। जेलर का कहना है कि जेल में अस्पताल जितने संसाधन नहीं होते हैं। ऐसे में अगर इनकी हालत और ज्यादा बिगड़ती है तो क्या करना है, इन बातों पर चर्चा की गई है। हम लगातार शासन-प्रशासन को भी स्थिति से अगवत करा रहे हैं।
पहले भी कर चुके हैं भूख हड़ताल
सिमी आतंकियों की जेल में भूख हड़ताल की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले इन आतंकियों ने भोपाल जेल में नवंबर 2020 में हड़ताल की थी। तब वे अहमदाबाद जेल जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे थे। अहमदाबाद में उन्हें खुले में रहने और आपस में मिलने की सुविधा थी। ये मनचाहा खाना जैसे ड्राइ फ्रूट, खजूर, छुआरा, दूध और पौष्टिक आहार के साथ चिकन-मटन मांग रहे थे। हालांकि, तब भी जेल प्रशासन ने इनकी मांग खारिज कर दी थी।
दूसरी बार 19 फरवरी 2021 को भूख हड़ताल की। तब स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) आतंकी एकांत कारावास से बाहर निकलना चाहते थे। उस समय मास्टरमाइंड आतंकी डॉ. अबू फैसल, कमरुद्दीन, कामरान, सादुली पीए और शिवली ने भूख हड़ताल की थी। तब भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई थीं।