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शताब्दीपुरम ईओडब्ल्यूएस प्लाट मामलाः 3 लाख आय वाले व्यक्ति को आवंटित होने थे प्लाट, धन्नासेठों ने खरीद लिए

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जबलपुर यशभारत। विजय नगर की शताब्दीपुरम काॅलोनी एक बार फिर विवादों में है, व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग होने वाले मकानों का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि यहां प्लाट लेने के लिए जो नियम-शर्तें थी उस पर भी प्लाट मालिक खरे नहीं उतरे हैं।
दरअसल इनकम ग्रुप हाउसिंग स्कीम (ईडब्ल्यूएस) के तहत 3 लाख साल जिन व्यक्तियों की आय थी उनको शताब्दीपुरम में प्लाट उपलब्ध होने थे परंतु आज की स्थिति में ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं है। शताब्दीपुरम में जिनके मकान और प्लाट वह सब धन्नासेठ है या फिर वे भू-स्वामी है जिन्होंने राजनीतिक और प्रशासनिक एप्रोच लगाकर प्लाट हासिल किए हैं।

आय प्रमाण पत्र जमा करना होता है

बताया जा रहा है कि प्लाट आवंटित होने के पहले व्यक्ति को आय प्रमाण पत्र जमा करना होता है इसके बाद ही संबंधित को लाॅटरी के माध्यम से प्लाट उपलब्ध होता है। सवाल उठता है कि शताब्दीपुरम में जितने भी भू-स्वामी है वह सब धन्ना सेठ है ऐसी स्थिति में जिन लोगों ने आय प्रमाण पत्र जमा किए हैं उनमें कही न कहीं विसंगति। मतलब साफ है कि 3 लाख सालाना आय वाले व्यक्ति को ही शताब्दीपुरम में प्लाट उपलब्ध होने थे पर कैसे मालगुजारों को प्लाट दिए गए, किन नियम और शर्तों के तहत भू-स्वामी बनाया गया। ये सब जांच का विषय है।

एक व्यक्ति के 4-4 प्लाट हैं

मालूम हो यशभारत लगातार शताब्दीपुरम काॅलोनी में आवंटित हुए प्लाट और फिर मकान बनाकर व्यवसायिक उपयोग करने की खबरें प्रकाशित करता आ रहा है। इसी कड़ी में यशभारत को जो जानकारी लगी है वह हैरत करने वाली है। दरअसल शताब्दीपुरम में ऐसे बहुत से भू-स्वामी है जिनके पास 4-4 प्लाट है सवाल उठता है कि एक व्यक्ति को 4-4 प्लाट कैसे आवंटित हुए।

व्यापार करने वालों के बीच हड़कंप

शताब्दीपुरम में आवासीय प्लाट में मकान तानकर व्यापार करने वाले भू-स्वामी इस समय हैरान-परेशान है। उन्होंने सोचा नहीं था कि मकान की आड़ में व्यवसाय करना इतना खतरनाक होगा कि जेडीए के अधिकारी उनके घर पहंुचकर जांच पड़ताल शुरू कर देंगे। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी शताब्दीपुरम काॅलोनी पहंुचे थे जहां उन्होंने व्यवसाय करने वाले भू-स्वामी से पूछताछ कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की है।

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