जबलपुर

उपार्जन के 20 दिन बाद खोले जायेंगे स्व सहायता समूह के केंद्र

1 लाख मीट्रिक टन के पार हुआ खरीदी का आंकड़ा, नए केंद्रों के औचित्य पर उठ रहे सवाल

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जबलपुर यश भारत। जिले में एक दर्जन से अधिक फर्जी तरीके से खोले गए उपार्जन केंद्रों के पीछे एनआरएलएम यानि स्व सहायता समूहों को उपार्जन का काम देने का खेल सामने आ रहा है । विश्वस्त जानकारी के मुताबिक जिन जगहों पर फर्जी तरीके से उपार्जन केंद्र खोले गए हैं, वहां पर स्व सहायता समूहों को खरीदी देने की तैयारी प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा की गई है। जिसको लेकर प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा गया है। जिनमें ज्यादातर इन्हीं गोदाम के नाम शामिल किए गए हैं । जिससे यह बात साफ होती है कि प्रशासनिक अधिकारियों की शह पर ही यह फर्जी केंद्र स्थापित हुए हैं और यहां धान का स्टॉक किया गया है। जिसके चलते अधिकारी अपनी आंखें बंद करके बैठे हुए।

किसको पहुंचना है फायदा

जिले में 1 दिसंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य प्रारंभ हो गया था और वर्तमान में यदि सरकारी रिकॉर्ड को देखें तो लगभग एक लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी ऑनलाइन हो चुकी है। जबकि ऑफ लाइन स्टॉक की बात करें तो यह आंकड़ा लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन के आसपास पहुंच चुका है जो की लगभग आधी खरीदी का आंकड़ा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आधे से अधिक किसानों की धान उपार्जन केंद्र में पहुंच जाने के बाद अब किन लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए जिले में एक दर्जन से अधिक स्वसहायता समूह के उपार्जन केंद्र खोले जा रहे हैं । इन नए खोले जा रहे केंद्रों में ऐसा कौन सा खेल खेला जाना है जिसमें व्यापारी और अधिकारी मिलकर काम कर रहे हैं।

एफपीओ के बाद एनआरएलएम की बारी

जिले में मूंग की शासकीय खरीद के दौरान फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी याने एफपीओ के द्वारा किस तरह का भ्रष्टाचार किया गया है वह सबके सामने है। जिसकी जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है और अब एनआरएलएम का यह खेल जिले में खेलने की तैयारी पूरी हो गई है। जबकि शासन द्वारा एफपीओ को उपार्जन का काम नहीं दिया गया है ऐसे में खरीदी के खेल को खेलने के लिए अधिकारियों ने एनआरएलएम की व्यवस्था कर दी है । जहां आधे से अधिक खरीदी होने के बाद भी पूरी ताकत लगाकर केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है । जबकि हजारों मीट्रिक टन धान गलत तरीके से गोदाम के बाहर पड़ी हुई है। उसके बाद भी अधिकारी कोई भी कार्यवाही करने तैयार नहीं।

आज या कल में हो जाएगी मैपिंग

यश भारत के पास पुख्ता जानकारी है कि जिन केंद्रों में गलत तरीके से धान का स्टॉक किया गया है और ढुलाई की जा रही है उनमें से ज्यादातर केंद्रों में आज या कल स्व सहायता समूहों के उपार्जन केंद्र स्थापित कर दिए जाएंगे। जिसको लेकर सभी शासकीय प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और प्रस्ताव बनाकर भोपाल भी भेज दिया गया है। जिसमें फर्जी उपार्जन केंद्रों के नाम है जिसकी पुख्ता जानकारी यश भारत के पास है। ऐसे में प्रशासन द्वारा उन गोदाम पर किसी भी तरह की कार्यवाही की बात करना बेमानी होगी।आने वाले समय में जब नए खोले जा रहे एनआरएलएम सेंटरों में एफपीओ की तरह गंभीर अनियमितताएं सामने आएंगी तो अधिकारी जांच की बात करके खुद को किनारे कर लेंगे।

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