आबकारी विभाग के रिटायर्ड उपायुक्त विनोद रघुवंशी गिरफ्तार

आबकारी विभाग के रिटायर्ड उपायुक्त विनोद रघुवंशी गिरफ्तार
-धोखाधड़ी और आपराधिक षडय़ंत्र के आरोप में हुई थी सजा
भोपाल, यशभारत। आबकारी विभाग के सेवानिवृत्त उपायुक्त विनोद रघुवंशी को 2003 में हुए शराब ठेका फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तार किया गया है। शाहपुरा पुलिस ने आज विनोद रघुवंशी को उनके निवास से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। भोपाल जिला कोर्ट ने 7 जुलाई 2025 को उन्हें चार साल की सजा सुनाई थी।
भोपाल की जिला अदालत ने वर्ष 2003 में शराब ठेका फर्जीवाड़े के मामले में विनोद रघुवंशी को दोषी पाया था। उन्होंने एक फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और पार्टनरशिप डीड में हेरफेर की थी, जिससे एक पार्टनर को फर्म से बाहर कर दिया गया था। इस फर्जीवाड़े के मामले में 2023 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विनोद रघुवंशी को तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद यह मामला अपील में गया और 2025 में उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई। जिस वक्त शराब ठेका का फर्जीवाड़ा हुआ उस वक्त विनोद रघुवंशी जिला आबकारी अधिकारी थे।
क्या है पूरा मामला:-
इस मामले में अजय अरोरा ने शिकायत की थी। जिस शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने 5 मार्च 2002 को अशोक ट्रेडर्स फर्म में पार्टनरशिप डीड तैयार कर 18 फीसदी की हिस्सेदारी ली थी, 6 मार्च 2002 को फर्म ने आबकारी के ठेके की नीलामी में हिस्सा लिया। आबकारी विभाग ने ठेके की नीलामी स्वीकार कर फर्म को ठेका आवंटित कर दिया। इससे फर्म को शराब के व्यवसाय का लाइसेंस मिल गया। आरोपी विनोद रघुवंशी और ओपी शर्मा ने धोखाधड़ी कर 6 मार्च 2003 की नकली पार्टनरशिप डीड तैयार कर अजय अरोरा को हिस्सेदारी से बाहर कर दिया। आरोपियों ने फर्म के अन्य पार्टनर को लाभ पहुंचाने के लिए 6 मार्च से 11 मार्च 2003 के बीच भोपाल आबकारी कार्यालय के रिकॉर्ड में अजय अरोरा का नाम हटाकर नकली पार्टनरशिप डीड लगा दी थी।







