
जबलपुर, यशभारत। रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय में 3 प्रोफेसर,27 एसोसिएट प्रोफेसर और 30 सहायक प्राध्यापक की भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। एनएसयूआई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रक्रिया में पारर्दिशता नहीं होने का आरोप लगाया है।
युवक कांग्रेस के रिजवान अली कोटी ने आरोप लगाते हुए बताया कि रानीदुर्गावती विश्विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती में हो रही मनमानी।सन 1988 में यहाँ पर 18 विषयो में प्रोफेसर, रीडर जिसे अब एसोसिएट प्रोफेसर कहते हैं, और व्याख्याता अर्थात सहायक प्राध्यापक के 46 पदों पर नियक्तियां हुई।इसके बाद 1999 में मैनेजमेंट, विधि विभाग में 6 पदों की नियक्तिया हुई।इसके बाद 2004,2006,2009,2017,2021 और 2022 में विज्ञापन निकाले गए।इस बीच न्यायालय के हस्तक्षेप से विधि विभाग में 2 आरक्षित पदों पर नियुक्ति सन 2017 में इसलिये की गई ताकी विभाग की मान्यता बनी रहे।
09 अगस्त 2021 को में विज्ञापन निकाला गया
अब पुनः 09 अगस्त 2021 को 21 विषयों के लिए 13 प्रोफेसर,27 एसोसिएट प्रोफेसर और 30 सहायक प्राध्यापक की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। 31 मार्च 22 को 17 विषयो के लिए 13 प्रोफेसर,23 एसोसिएट प्रोफेसर, और 12 सहायक प्राध्यापक की अनारक्षित भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया।लेकिन साल भर से सोता हुया प्रशासन एकाएक जाग उठा और यूजीसी के नियम है कि विज्ञापन निकलने के 6 माह के अंदर चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाए यदि नही होती है तो पुनः विज्ञापन निकाला जाए।
न्यायालय की आपत्तियां दरकिनार
जबलपुर विश्विद्यालय 12 नवम्बर से पक्षपात पूर्ण तरीके से पुराने विज्ञापन पर ही नियक्तियंा कर रहा है जिसमें न्यायालय में भी आपत्तियां है।विश्विद्यालय द्वारा सिर्फ70 आरक्षित पदों में भी कुछ चुने बिषयों में भर्ती की जा रही।
यहां हो रही गड़बड़ी
इस प्रक्रिया में षड्यंत्र इसलिए है कि 12 तारीख से भर्ती शुरू की जा रही है और यूनिवर्सिटी ने अभी तक कितने आवेदन आये,कितने उचित है, कितने नही,ये सूची जारी नही की है।डायरेक्ट मेल पर आवेदकों को सूचना देकर बुलाया जा रहा है, मेल भी 10 नवम्बर अर्थात 36 घण्टे पहले दिया गया,अब आवेदक को मेल मिला या नही मिला,यात्रा कैसे करेगा ।ये बिंदु बताते हैं कि अपात्र को चयनित किया जाएगा।दूसरी चीज अनारक्षित के भर्ती के लिए पता नही कब जागेगा यूनिवर्सिटी प्रशासन।दुबारा पुनः खर्चा किया जाएगा।