
आंधी में भी जारी रहा वायुसेना का दमखम:
तेज धूल भरी आंधी के बीच भी वायुसेना के जांबाज पायलटों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। सबसे पहले AN-32 लड़ाकू विमान ने एक्सप्रेस-वे पर ‘टच एंड गो’ किया। इसके बाद अन्य विमानों ने भी लैंडिंग की। हालांकि, तेज हवा के कारण एक विमान को आगे बढ़ने में मुश्किल हुई, जिसके बाद पायलट ने विमान का रुख हवा की दिशा में मोड़ दिया। दिनभर में 16 लड़ाकू विमान गंगा एक्सप्रेस-वे पर ‘टच एंड गो’ कर चुके थे।
ऐतिहासिक नाइट लैंडिंग ट्रायल:
शाम को वायुसेना ने एक और इतिहास रचा, जब गंगा एक्सप्रेस-वे पर रात के समय लड़ाकू विमानों का लैंडिंग शो आयोजित किया गया। यह देश में पहली बार था जब किसी हाईवे पर रात में इस तरह का अभ्यास किया गया। रात 7 बजे से रात 10 बजे तक चले इस नाइट लैंडिंग शो को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े।
सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम:
इस महत्वपूर्ण अभ्यास के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हवाई पट्टी को वायुसेना की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है, जिसमें हाई-इंटेंसिटी रनवे लाइट्स, ऑटोमेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम और 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। आपात स्थिति में यह पट्टी तुरंत रनवे में तब्दील हो सकती है। इसके अलावा, कार्यक्रम स्थल पर एक अस्पताल भी बनाया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने भी एडवाइजरी जारी कर कार्यक्रम के दौरान हाईवे पर यातायात बंद कर दिया था।
गंगा एक्सप्रेस-वे की सामरिक महत्ता:
36,230 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों को जोड़ेगा। इस एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी आपात स्थिति में लड़ाकू विमानों को उतारने और उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करती है। पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव को देखते हुए इस हवाई पट्टी की सामरिक महत्ता और भी बढ़ जाती है। उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे चौथा ऐसा एक्सप्रेस-वे है जिस पर हवाई पट्टी है, लेकिन यह रात में लैंडिंग की क्षमता वाला देश का पहला एक्सप्रेस-वे है।
इस सफल अभ्यास ने भारतीय वायुसेना की किसी भी चुनौती का सामना करने की तैयारी और गंगा एक्सप्रेस-वे की बहुआयामी उपयोगिता को दर्शाया है।