इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर लगातार उठ रहे सवाल

इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर लगातार उठ रहे सवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस -आप के बीच खींचतान ङ्क्षचताजनक
नई दिल्ली, एजेंसी। इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप के बीच चल रही खींचतान को लेकर विपक्ष के नेताओं ने चिंता व्यक्त की है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुलकर कहा कि विपक्ष एकजुट नहीं है, इसलिए इंडिया ब्लॉक को भंग कर देना चाहिए। अब इंडिया गठबंधन को लेकर शिवसेना क्चञ्ज के नेता संजय राउत का भी बयान आया है।मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा और परिणाम भी अच्छे रहे। उसके बाद हम सभी की, खासकर कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि भारत गठबंधन को जीवित रखें। एक साथ बैठें और आगे की रणनीति पर चर्चा करें लेकिन लोकसभा चुनावों के बाद एक भी ऐसी बैठक नहीं हुई है। राउत ने कहा कि यह इंडिया गठबंधन के लिए सही नहीं है।
ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं?
संजय राउत ने यह भी कहा कि उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेता कहते हैं कि ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं है। संजय राउत ने ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन को लेकर चल रहे विवाद के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि गठबंधन में समन्वय, चर्चा और संवाद का अभाव है।
फिर नहीं बनेगा गठबंधन
राउत ने कहा कि कोई समन्वय नहीं है, कोई चर्चा नहीं है, कोई संवाद नहीं है। इसका मतलब है कि लोगों को इस बात पर संदेह है कि भारत गठबंधन में सब कुछ ठीक है या नहीं। अगर यह गठबंधन एक बार टूट जाता है, तो ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन फिर कभी नहीं बनेगा।
दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच जंग
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आमने सामने हैं। कांग्रेस के नेताओं ने आप के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। वहीं आप की नेताओं की तरफ से भी आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं। दलील दी जा रही है कि गठबंधन तो लोकसभा चुनाव को लेकर हुआ था। दिल्ली के अलावा ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन के सहयोगी भी कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं। संजय राउत, उमर अब्दुल्ला के बयान और दिल्ली में आप-कांग्रेस की जंग के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन अभी भी है? बता दें कि इससे पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए है तो इसे खत्म कर देना चाहिए और विपक्षी दलों को अपने-अपने तरीके से काम करना शुरू कर देना चाहिए। इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक नहीं बुलाई जा रही है इसलिए इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। न तो नेतृत्व के बारे में, न ही एजेंडे के बारे में, न ही इस बारे में कि गठबंधन आगे चलेगा या नहीं।