प्रधानमंत्री ने देश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर जताई चिंता, मध्यप्रदेश पुलिस ने बनाया प्लान
पहली बार अनाथ आश्रमों में भी चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

प्रधानमंत्री ने देश में बढ़ रहे साइबर अपराध पर जताई चिंता, मध्यप्रदेश पुलिस ने बनाया प्लान
– पहली बार अनाथ आश्रमों में भी चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
आशीष दीक्षित, भोपाल। देश भर में बढ़ रहे साइबर अपराधों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में चिंता जताते हुए जागरूकता फैलाने के लिए संदेश दिया। प्रधानमंत्री की बातों को आत्मसात करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए अपनी कार्ययोजना तैयार की है। खास बात यह है कि अनाथ आश्रमों में लोगों को साइबर अपराधों को लेकर जनकारी दी जाएगी। पहली बार पूरे अक्टूबर माह में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। पुलिस महानिदेशक की निगरानी में इस अभियान चलाया जाएगा। मध्य प्रदेश में इस अभियान के माध्यम से साइबर अपराधों को रोकने और आम लोगों में डिजिटल सुरक्षा की समझ बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
मंत्रालय स्तर पर अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी विभिन्न माध्यमों से लोगों को सायबर अपराधों के प्रति सजग रहने की अपील की है। मध्य प्रदेश में इस अभियान को 1 से 31 अक्टूबर 2025 तक राज्यव्यापी स्तर पर लागू जा रहा है। इसके लिए पुलिस विभाग ने विशेष कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है। अभियान के संचालन के लिए राज्य के सभी जिला बल, नगरीय पुलिस और अन्य पुलिस इकाइयों को निर्देशित किया गया है। अभियान का समन्वय उप पुलिस महानिरीक्षकों की देखरेख में नोडल अधिकारियों के माध्यम से किया जाएगा।
अनाथ आश्रमों और स्कूलों में विशेष कायक्रम
अभियान के तहत सभी जिले अपने क्षेत्र के अनाथ आश्रमों में विशेष सायबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। 3 से 20 अक्टूबर तक ये कार्यक्रम विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में होंगे। बच्चों और युवाओं को ऑनलाइन सुरक्षा, सुरक्षित पासवर्ड, सोशल मीडिया की सावधानियों और साइबर फ्रॉड से बचाव के तरीके समझाए जाएंगे।
पुलिस कर्मियों को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण
अभियान के हिस्से के रूप में, सभी थानों में आर से उनि स्तर के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को और 1930 पोर्टल्स के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण पुलिस को साइबर अपराध की पहचान और उसका त्वरित समाधान करने में सक्षम बनाएगा।
मध्यप्रदेश पुलिस ने बनाई यह कार्ययोजना
अभियान के तहत पहले सप्ताह साइकल और बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा। रैली में कॉलेज स्टूडेंट्स, सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों के कर्मचारी, नगर के गणमान्य नागरिक और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। रैली का उद्देश्य लोगों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने के उपाय बताना है।
पोस्टर्स, प्रतियोगिताएं और सोशल मीडिया अभियान – अभियान के दौरान पूरे प्रदेश में बैंकों, स्टेशन, बस स्टैंड, पोस्ट ऑफिस और चौराहों पर सायबर जागरूकता पोस्टर्स लगाई जाएंगी।
– 21 से 23 अक्टूबर तक साइबर क्विज प्रतियोगिताएं, 24 अक्टूबर को वाद-विवाद और स्लोगन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
– 25 से 30 अक्टूबर तक विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों में सायबर जागरूकता सेमिनार का आयोजन होगा।
पुलिस महानिदेशक के साइबर जागरूकता वीडियो साझा किए जाएंगे
सोशल मीडिया पर भी अभियान को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा डीजीपी के साइबर जागरूकता वीडियो और दैनिक टिप्स साझा किए जाएंगे। प्रत्येक पुलिस इकाई से साइबर जागरूकता नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। ये अधिकारी न केवल पुलिस विभाग के साथ समन्वय करेंगे, बल्कि पंचायत राज और डाक विभाग द्वारा भेजे गए पत्रों पर भी कार्रवाई करेंगे।
साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं
– राजधानी भोपाल में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी, फेक प्रोफाइल के माध्यम से ठगी, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री फैलाने और फिशिंग लिंक के माध्यम से पैसों की चोरी के कई मामले सामने आए हैं।
– भोपाल में एक युवक को फेसबुक पर नकली प्रोफाइल के जरिए ठगा गया, जबकि एक बैंक ग्राहक का ऑनलाइन बैंकिंग चोरी कर 50000 रुपए की ठगी हुई।







