जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

RSS के 100 साल पूरे होने पर पीएम मोदी करेंगे डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी

RSS बिना रुके राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

RSS के 100 साल पूरे होने पर पीएम मोदी करेंगे डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली में आरएसएस के योगदान को दर्शाने वाला स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। बुधवार को यह कार्यक्रम डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सुबह 10:30 बजे से आयोजित किया जाएगा। जानकारी दे दें कि आरएसएस दशहरे से अपना शताब्दी वर्ष कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। 20 अक्टूबर तक इसके चलते देश भर में सात बड़े कार्यक्रम आयोजित होने वाले हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत शताब्दी समारोह के चलते अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आरएसएस के प्रचारक थे। आज पीएम मोदी द्वारा आरएसएस के योगदान को दर्शाने वाला स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा भाजपा में आने से पहले एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में पहचान बनाई गई थी। प्रधानमंत्री अपने जीवन का बदलाव आज भी आरएसएस को मानते हैं। सही जीवन की शुरुआत उनकी आरएसएस से ही हुई थी। आरएसएस से ही भाजपा अपनी वैचारिक प्रेरणा भी लेती है।

RSS बिना रुके राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बता दें कि रविवार को हुए ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरएसएस के शताब्दी समारोह का जिक्र किया गया था। दरअसल, प्रधानमंत्री ने कहा कि त्याग और सेवा की भावना और अनुशासन की सीख ही संघ की सच्ची ताकत होती है। आरएसएस आज 100 सालों से बिना थके, बिना रुके राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार की विजयदशमी बेहद खास होने वाली है क्योंकि विजयदशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को 100 साल हो जाएंगे। एक शताब्दी की यह अद्भुत यात्रा जितनी अभूतपूर्व है, उतनी ही प्रेरक भी है।

100 साल पहले आरएसएस की स्थापना हुई थी

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में कहा कि जब 100 साल पहले आरएसएस की स्थापना हुई थी, उस दौरान देश पहले से ही गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जिसने हमारे स्वाभिमान और आत्मविश्वास को सदियों तक गहरी चोट पहुंचाई थी। विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता के सामने पहचान का संकट खड़ा किया जा रहा था। देशवासियों को भावनाओं का शिकार बनाया जा रहा था। दशहरा 2025 से अगले दशहरा 2026 तक कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें सबसे बड़ा उत्सव हिंदू सम्मेलन होने वाला है। हालांकि फिलहाल विजयदशमी उत्सव मनाया जाएगा। इसमें मंडल और बस्ती स्तर पर गणवेशधारी स्वयंसेवक और उनके परिवारों की भागीदारी होगी। 2 अक्टूबर से देश भर में बंगाल में महालय से इसकी शुरुआत की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button