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करोड़ों का पाथवे बदहाली का शिकार : चंद महीनों में ही पुराने हालात पर पहुचा गोल बाजार विकास के नाम पर लूट का खेल

जबलपुर यश भारत। स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत गोल बाजार में लगभग 55 करोड रुपए खर्च करने के बाद स्मार्ट रोड, स्मार्ट पाथवे और स्मार्ट इलेट्रिफिकेसन के काम किए गए थे लेकिन चंद महीनों के बाद ही हालात पुराने दौर में लौट आए हैं। पाथवे झाड़ियो में तब्दील हो गए हैं ,लाइट बंद पड़ी हुई है, और चैंबर खुले हुए हैं । ऐसे में सवाल उठता है कि यह कैसा स्मार्ट काम है जिसमें पैसे तो जमकर खर्च हुए लेकिन वास्तविकता कुछ ही महीनों बाद दिखने लगी है।

झाड़ियो में तब्दील हरियाली

एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्लान के तहत स्मार्ट रोड के साथ-साथ गोल बाजार के चारों तरफ पाथवे का निर्माण कराया गया था। जहां इवनिंग और मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग एक्सरसाइज के साथ-साथ शुद्ध हवा भी ले सकें। इसके लिए चारों तरफ खाली जगह छोड़कर पेड़ लगाए गए थे। अब नगर निगम के द्वारा जो पेड़ लगाए गए थे वह तो दिख नहीं रहे हैं लेकिन उनकी जगह झाड़ियां तैयार हो गई हैं। जो करोड़ों रुपए खर्च करके स्मार्ट और सुंदर पाथवे बनाया गया था उसकी कुरूपता को दिखा रहा हैं । न तो इन झाड़ियां की सफाई हो रही है और न ही जो पौधे बच गए हैं उनका कोई रखरखाव हो रहा है।

टूट गए सिटिंग एरिया

स्मार्ट पाथवे के साथ-साथ लोगों को बैठने और योग आदि करने के लिए जगह-जगह सिटिंग एरिया भी बनाए गए हैं। लेकिन उनके निर्माण की गुणवत्ता कुछ ऐसी है कि चंद दिनों बाद ही वे जहां-तहा टूटे पड़े हुए हैं। कुछ जगहों पर जो पत्थर लगाए गए थे वे या तो टूट गए हैं या उन्हें लोग उखाड़ कर ले गए हैं। सिटिंग एरिया के साथ-साथ स्मार्ट रोड पर जगह-जगह चेंबर भी खुले पड़े हैं। जो यहां वॉक करने आने वाले लोगों के लिए मौत के गद्दे भी साबित हो सकते हैं। जिस में कभी भी कोई गिर कर दुर्घटना का शिकार हो सकता है।

हेरिटेज पोल है या हॉरर पोल

इस पूरे क्षेत्र में स्मार्ट रोड के साथ-साथ स्मार्ट ईलेट्रिफिकेसन भी किया गया है। जहां बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने के साथ-साथ जो स्ट्रीट लाइट लगाई गई है उन्हें हेरिटेज पोल में लगाया गया है, याने जो खंभे लगाए गए हैं वह पुराने दौर की याद दिलाते हैं और वह काफी आकर्षक और सुंदर भी दिखाई देते हैं। यह सुंदरता सिर्फ दिन में ही दिखाई देती है क्योंकि रात के समय तो आए दिन यहाँ की लाइट ही बंद पड़ी रहती है जो हेरिटेज की जगह हॉरर का अनुभव कराती है। पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र स्कूल की तरफ जाने वाली रोड और श्याम टॉकीज की तरफ जाने वाली रोड की लाइट बंद पड़ी हुई है । यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस तरह की समस्या आई हो आए दिन किसी न किसी रोड की लाइट बंद पड़ी रहती है।

नहीं हट रहे अतिक्रमण

एक ओर जहां नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी के तहत एक बड़ा प्रोजेक्ट यहां चलाया गया। जिसे शहर विकास के मॉडल के रूप में विकसित किया वहीं दूसरी तरफ यहां करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी अतिक्रमण जस का तस बना हुआ है। पाथवे पर ठेले लगे हुए हैं जो सुंदरता को दाग लगा रहे हैं। वही नगर निगम इन पर आंख बंद करके बैठा हुआ है। जब इतने बड़े प्रोजेक्ट से ही निगम का अमला अतिक्रमण नहीं हटा पा रहा है तो शहर में क्या हो रहा है इसकी बानगी को समझा जा सकता है। अतिक्रमण के साथ-साथ यहां कचरे और मलबे का भी अंबार लगा हुआ है। ऐसे में तो बस यही कहा जा सकता है कि इतना पैसा विकास के लिए नहीं भ्रष्टाचार के लिए खर्च किया गया है जो आम जनता के साथ लूट है।

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