जबलपुर यशभारत। जिसे प्रकृति से हम मुफ्त में आक्सीजन प्राप्त करते है यह अनमोल है।
एक रिसर्च में यह पाया गया है कि आक्सीजन की एक दिन की कीमत 13 लाख रूपये है। यह हमारा दायित्व बनता है कि हम पौधारोपण के लिये तकनीकी का भी इस्तेमाल कर पौधो को शतप्रतिशत बचाया जा सकता है। उक्त जानकारी जिला पंचायत जबलपुर द्वारा मानस भवन में आयोजित पौधारोपण पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में ग्रीन यात्रा संस्था मुंबई से पधारे विषय विशेषज्ञ सिद्धार्थ इंगले द्वारा इसके तकनीकी पहलूओं पर विस्तार से बताई गई।
इसके पूर्व कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर विधानसभा क्षेत्र सिहोरा के विधायक संतोष बरकडे, जिला पंचायत के अध्यक्ष आशा मुकेश गोटिंया, वन मण्डल अधिकारी ऋषि मिश्र जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयंती सिंह एवं मुंबई से ग्रीन यात्रा एनजीओ से प्रदीप त्रिपाठी एवं सिद्धार्थ इंगले की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया।
कार्यशाला के शुभारंभ करते हुये सिहोरा विधायक संतोष बरकडे ने कहा कि पौधारोपण जीवन के लिये अतिमहत्वपूर्ण है। कोरोनाकाल की त्रासदी को लोग जल्दी ही भूल गये है। इन बीमारियों से निपटने के लिये पौधारोपण अतिआवश्यक है। एक संकल्प से ही हम अपने जीवन को बदल सकते है। पौधारोपण करते हुये उसे शतप्रतिशत बचाने का प्रयास करना भी जरूरी है। उन्होनें इस प्रयास के लिये जिला पंचायत जबलपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयंती सिंह की प्रशंसा की एवं धन्यवाद दिया।
पौधारोपण को बना सकते हैं आय का साधन
तत्पश्चात ग्रीन यात्रा संस्था के फाउण्डर प्रदीप त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि जीवन में पैसा कमाना ही सबकुछ नहीं है। उन्होंने किस प्रकार से अपनी मेडीकल की पढाई छोडकर इस अभियान में जुटे है। उनके द्वारा विस्तार से बताया गया कि पौधारोपण स्थल पर किस प्रकार से हम आय के साधन बना सकते है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू में लगभग 20000 हेक्टेयर में उनके द्वारा यह कार्य किया जा रहा है, बडे शहरों में जहां पर कचरा डम्प किया जाता है उनके द्वारा किस प्रकार से आज वहां पर बडे-बडे वृक्ष उगाये गये है। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार से एक हेक्टेयर में दो से पांच लाख रूपये तक की भी आय पौधारोपण करते हुये अर्जित किया जा सकता है।
एक वृक्ष 100 पुत्रों के समान
जिला जबलपुर के वन मण्डल अधिकारी ऋषि मिश्र द्वारा अपने प्रस्तुतिकरण में सर्व प्रथम फिल्म के माध्यम से वन विभाग द्वारा किये जा रहे पौधारोपण कार्य के बारे में बताया गया। उनके द्वारा इस वर्ष वन विभाग द्वारा 4 लाख से अधिक पौधारोपण किया जा रहा है। इसके लिये पानी कोई बाधा नहीं है। यह सब वर्षा के जल को छ: से आठ माह तक कैसे प्रबंधन कर जीवित रख सकते है। उनके द्वारा यह भी बताया गया हमारे वेदों में कहा गया है कि एक वृक्ष 100 पुत्रों के समान है। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि आप अपनी दृष्टि बदलेगें तो सृष्टि बदल सकते है। पौधें को कभी आप अपना बच्चा तो मानकर देखें।
सभी जनपद अपनी टीम के साथ तैयारी करें
कार्यशाला के अंत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर जयंती सिंह द्वारा मनरेगा अंतर्गत किस प्रकार से पौधारोपण हमें करना है, यह बात विशेष रूप से जिले के समस्त उपयंत्रियों बताया गया। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि जिले में संचालित वाटरशेड की दो परियोजनाओं में परमाकल्चर के माध्यम से पौधारोपण किया जाये। उनके द्वारा स्पष्ट किया गया कि आगामी दिवसों में जनपद पंचायत के भ्रमण के दौरान ये सारी बातें धरातल पर दिखनी चाहियें इसके लिये सभी जनपद अपनी टीम के साथ तैयारी कर लेवें। अंत में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर द्वारा कार्यशाला में उपस्थित सभी विषय विशेषज्ञों, वनमण्डल अधिकारी एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया गया।
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