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एनआरआई कॉलेज के बाहर देर रात तक धरने पर बैठे नर्सिंग स्टूडेंट्स, एडमिशन के दो साल बाद बताया कॉलेज की मान्यता तो है ही नहीं

मप्र एनएसयूआई मेडिकल विंग के नेतृत्व में धरने पर बैठे सैंकड़ों छात्र-छात्राएं, कॉलेज संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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भोपाल यशभारत। मध्य प्रदेश में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाड़े की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। रविवार शाम राजधानी भोपाल के रायसेन रोड पर स्थित एनआरआई कॉलेज के सैंकड़ों छात्र-छात्राएं धरने पर बैठ गए। एनएसयूआई मेडिकल विंग के पूर्व प्रदेश समन्वयक रवि परमार के नेतृत्व में नर्सिंग स्टूडेंट्स देर रात तक धरने पर बैठे रहे।

दरअसल, एनआरआई कॉलेज प्रशासन ने दो साल पहले सैंकड़ों छात्र-छात्राओं का नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लिया था लेकिन दो साल बाद अब कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को बताया कि कॉलेज के पास मान्यता नहीं है। ऐसे में उन्हें डिग्री नहीं मिलेगी। अब सैंकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्र परेशान हैं कि अब वे क्या करें।

छात्र संगठन एनएसयूआई की मेडिकल विंग इन छात्रों के समर्थन में कॉलेज के बाहर मंगलावर शाम से धरने पर बैठी है। साथ में सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं भी मौजूद हैं। एनएसयूआई मेडिकल विंग के रवि परमार ने कॉलेज संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। परमार ने कहा कि सैंकड़ों स्टूडेंट्स डिप्रेशन में हैं, कोई अनहोनी होती है, कोई स्टूडेंट कोई आत्मघाती कदम उठाता है तो इसके लिए एनआरआई कॉलेज प्रशासन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग जिम्मेदार होंगे।

रवि परमार ने कहा कि, ‘मामा के राज में भांजे भांजियों का करियर दांव पर लगा है, लेकिन मामा कुंभकर्ण की निद्रा में हैं। मामा शिवराज बताएं कि दो साल बाद ये स्टूडेंट्स कहां जाएंगे? मुख्यमंत्री अपने बेटे को तो पढऩे विदेश भेज दिया, लेकिन प्रदेश के बाकी स्टूडेंट्स डिग्री और शिक्षा हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं। एनआरआई कॉलेज ने उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया, लेकिन मामा शिवराज और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को कोई फर्क नहीं पड़ता।’

रवि परमार ने बताया कि छात्र-छात्राओं ने भोपाल देहात पुलिस थाने में शिकायत भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परमार ने आरोप लगाया कि शिक्षा माफियाओं को चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए वे स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के पहले कुछ नहीं सोचते। एनएसयूआई मेडिकल विंग चेतावनी देती है कि सरकार छात्रों को न्याय दे वरना सीएम हाउस के बाहर हम आत्मदाह करेंगे।

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