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ताला टूटने से अब सुरक्षा संस्थान अलर्ट, प्रशासन गंभीर

जबलपुर, यशभारत। सुरक्षा को लेकर सुरक्षा संस्थान हमेशा ही सतर्कता को लेकर चाक चौबंद व्यवस्था करतीं है. हाल ही में एक ताला टूटने की जनाकारी से प्रशासन गंभीर हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों एक सुरक्षा संस्थान के संवेदनशील भंडार में लगे चार तालों में से दो ताले टूटे हुए पाये गए।भंडार से कुछ चोरी गया कि नहीं इसकी अंदरूनी जांच प्रबंधन ने शुरू कर दी है, हालांकि इस घटना की चर्चा पूरे संस्थान में हर कर्मचारी की जुबान पर है।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर1984 में अज्ञात कारणों से भीषण अग्निकांड हुआ था। 6माह पूर्व 28 फरवरी में खमरिया के ईडीके की एक मेग्जीन आग के हवाले हो गई थी। फिर अचानक से 4 मार्च को उसी इलाके में फिर आग भड़की। इस पर प्रबंधन ने सफाई दी थी कि बंदरों के कारण शार्ट सर्किट हो गया। इसके बाद पुन: 11मई को एक मेग्जीन का ताला टूटा मिला। ताला कैसे टूटा ? क्या चोरी हुआ ? प्रबंधन की ओर से अभी तक यह सामने नहीं आया।

विगत दिनों फिर एक घटना सामने आई जब एक संस्थान के प्रतिबंधित संवेदनशील क्षेत्र में संदिग्ध हालात में एक युवक को सुरक्षा अधिकारियों ने पकड़ा था। उससे पूछताछ में जानकारी लगी कि वह अनजाने में अपनी बकरियों के पत्तियां तोडऩे आया था। लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। लेकिन संयोग कि उसी दिन थोड़ी देर बाद संवेदनशील क्षेत्र में स्थित गोदाम के दो गेटों के ताले टूटे हुए मिले। बहरहाल इस मामले में संस्थान के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। शायद वे अपनी असफलता को छुपाने के साथ अपने सर्विस रिकॉर्ड को बचाने का जतन कर रहे हैं। लेकिन उन्हें समझ लेना चाहिए कि किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा से समझौता नहीं होना चाहिए।

इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम पहुंची ओएफके
हाल ही में इंटेलीजेंस ब्यूरो की एक टीम ने आयुध निर्माणी खमरिया पहुंची और वहां उसने कई अह्म जानकारियां इक्टठी कीं। इसक अलावा अधिकारियों और संबंधित स्टॉफ को सुरक्षा बंदोबस्त दुरूस्त करने की हिदायत दी।

 

इनका कहना है कि-
एक ताला खुला मिला है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ताला लगाया भी गया था कि नहीं या फिर तोड़ा गया है। इसकी जांच की जा रही है। इसके साथ पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय किया है।ताकि भविष्य में पूरी स्थिति स्पष्ट हो।
एम एन हालदार
महाप्रबंधक/ओएफके

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