
देश की रक्षा में तैनात एमपी का एक और लाल शहीद हो गया। महिनेभर पहले ही छुट्टी लेकर परिवार के पास आया था। अब जब जवान के शहादत की खबर आई, तो शहीद के गांव और घर में मातम पसर गया।
जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में मध्यप्रदेश का लाल शहीद हो गया। आतंकियों ने नाके पर ड्यूटी कर रहे सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए हमला किया। जिसमें मुरैना जिले के अंबाह के रहने वाले CRPF जवान जलसिंह सखवार (52) के सिर में गोली लगी और वे शहीद हो गए। शुक्रवार को अनंतनाग में हुई इस वारदात के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर एक आतंकी को मार गिराया।
परिजनों ने कहा कि CRPF के अफसरों ने बताया कि जलसिंह नाके पर ड्यूटी कर रहे थे। इस दौरान सुरक्षा बलों पर अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया। आतंकियों की ओर से हुई फायरिंग में जलसिंह सखवार शहीद हो गए। जलसिंह के शहीद होने का समाचार पाकर अंबाह में शोक की लहर है।
रविवार सुबह होगा अंतिम संस्कार
परिजनों ने बताया कि जलसिंह की पार्थिव देह पोस्टमॉर्टम के बाद हवाई जहाज से दिल्ली लाई गई। इसके बाद दिल्ली से सड़क मार्ग से देह शनिवार देर रात तक अंबाह पहुंचेगी। रविवार सुबह सैनिक सम्मान के साथ शहीद जलसिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

1991 में सेना में हुए भर्ती, ASI के पद पर थे पदस्थ
शहीद जवान जलसिंह वर्ष 1991 में CRPF में भर्ती हुए थे। CRPF में उनकी नौकरी को करीब 22 वर्ष हो चुके हैं। जलसिंह के घर में पत्नी माया देवी, 12 साल का बेटा आयुष और 6 वर्षीय बेटी प्रियल है। बच्चों की पढ़ाई की वजह से तीनों ग्वालियर में किराये के मकान में रहते हैं। जलसिंह की बड़ी बेटी करिश्मा की शादी 2018 में हुई थी, वह फिलहाल अपने ससुराल में रह रही है।
दो दिन पहले हुई थी फोन पर बात
शहीद जलसिंह के साले धर्मेंद्र ने बताया कि दो दिन पहले ही जीजा की दीदी से मोबाइल पर बात हुई थी। बातचीत में उन्होंने बच्चों का हाल जाना और उनके भविष्य को लेकर बात की थी।
पहले घायल होने की सूचना मिली
जलसिंह की पत्नी माया देवी को शुक्रवार को कश्मीर CRPF कंट्रोल रूम से फोन आया था कि आपके घर में जो कोई पुरूष सदस्य हैं, उनसे बात करवाओ। उन्होंने बताया कि घर पर फिलहाल कोई भी नहीं है। उन्होंने अपने भाई का फोन नंबर कंट्रोल रूम को दिया। इसके बाद जवान के साले प्रयाग सिंह को जानकारी दी गई कि आपके जीजा जी जलसिंह को ड्यूटी के दौरान गोली लगी है। जिससे वो घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। कुछ देर बाद दोबारा कॉल आया, जिसमें जलसिंह के शहीद होने की सूचना दी गई।
दीपावली के पहले ही ज्वाइन की थी ड्यूटी
शहीद जलसिंह के साले धर्मेंद्र ने बताया कि जीजाजी दीपावली से लगभग 10 दिन पहले ही छुट्टी मनाकर कश्मीर गए थे। वे एक महीने से घर अपने परिवार के साथ थे। जाने के कुछ दिन बाद ही उनके शहीद होने की खबर आई। इसने पूरे परिवार को स्तब्ध कर दिया।