जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

खुद के स्कूल में बना बूथ फिर भी फर्नीचर देने से परहेज

जबलपुर। नगरीय सीमा के अंतर्गत बनाए जा रहे पूलिंग बूथों में फर्नीचर उपलब्ध कराने के दौरान विचित्र स्थिति भी पैदा हो रही है। एक और जहां कई स्कूल सहज रूप से फर्नीचर उपलब्ध करा रहे हैं तो वहीं दूसरी और कुछ स्कूल फर्नीचर को छिपाने में लगे हैं। खुद के स्कूल में बनाए गए पोलिंग बूथ के लिए भी स्कूल फर्नीचर देने से गुरेज कर रहे हैं।

 

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कुछ ऐसा ही मामला उस समय सामने आया जब कुछ स्कूल में फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए जब दूसरे दिन टीम मुआयना के लिए पहुंची तो स्कूल से फर्नीचर ही गायब मिला। ऐसे में आनन फानन से दूसरे स्कूलों से फर्नीचर की व्यवस्थाएं कर जुटाई गई।
3150 फर्नीचर की जरूरत
जानकारों के अनुसार नगरीय सीमा क्षेत्र में 522 बूथ बनाए गए हैं। इन बूथों में फर्नीचर की व्यवस्था ?स्कूलों के माध्यम से की जा रही है। नगर निगम के स्कूलो में 1500 फर्नीचर उपलब्ध है। बाकी व्यवस्था शहर के सरकारी स्कूलोंं और कॉलेजों के माध्यम से की जा रही है। इसमें पीएसएम कॉलेज, एमएलबी स्कूल, सेंट थॉमस स्कूल, कन्या ब्यौहारबाग, चंचलाबाई कॉलेज, कन्या करौंदीग्राम आदि शामिल हैं। शहर के करीब आधा सैकड़ा स्कूलों से फर्नीचर की व्यवस्था की जा रही है।
अतिरिक्त फर्नीचर की व्यवस्था
इस तरह की स्थितियां निर्मित होने के कारण अब अतिरिक्त फर्नीचर की व्यवस्था निगम के ?शिक्षा विभाग को स्कूलों के माध्यम से जुटानी पड़ रही है। ताकि अचानक जरूरत के समय समस्या पैदा न हो। इसके लिए फर्नीचर का एडवांस स्टॉक किया जा रहा है। कुछ फर्नीचर स्कूल ?शिक्षा विभाग के स्कूलों और निजी स्कूलों के माध्यम से लिया गया है।
केस -1
रिपब्लिक स्कूल में तीन बूथ बनाए गए हैं। स्कूल मे फर्नीचर उपलब्ध थे। जब विभाग के अधिकारी दूसरे दिन बूथ में फर्नीचर रखवाने के लिए पहुंचे तो स्कूल में रखे फर्नीचर ताले में बंद कर दिए गए। ऐसे में घमापुर सरकारी स्कूल से फर्नीचर की व्यवस्था आनन फानन में करनी पड़ी।
केस -2
गोरखपुर स्थित पीएसए स्कूल में दो पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। यहां दो दिन पहले तक स्कूल में फर्नीचर उपलब्ध था। जब बूथ में व्यवस्थाओं के लिए टीम पहुंची तो कमरों में रखे फर्नीचर को बंद करके स्कूल प्रबंधन लापता हो गया। दूसरे स्कूल से फर्नीचर मंगाया गया।
केस -3
रामकृष्ण आश्रम स्कूल में बनाए गए पोलिंग बूथ में फर्नीचर उपलब्ध होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन ने पहले तल से नीचे लाने के लिए हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में ब्यौहारबाग स्कूल से फर्नीचर की व्यवस्था करना पड़ी

 

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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