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प्राइम टाइम विथ आशीष शुक्ला में जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय: साइबर क्राइम और यातायात चुनौती, जागरूकता की आवश्यकता

न दोस्त न दुश्मन पुलिस सबकी :पुलिस अधीक्षक

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जबलपुर यश भारत। प्रत्येक जगह पर जो अपराध की प्रवृत्ति होती है उसका एक ही कोर होता है। जबलपुर शहर में भी वैसा ही कुछ है । हालांकि यहां बिना बात के या मामूली कहा-सुनी पर चाकू चलने की घटनाएं ज्यादा है। वहीं ट्रैफिक पर काम करने की आवश्यकता है । यह कहना है जबलपुर के पुलिस कप्तान संपत उपाध्याय का ,जो प्राइम टाइम विद आशीष शुक्ला में चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपराध से जुड़ी हुई बातों के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व और काम के प्रति अपने नजरिए पर खुलकर बात की। जिसे आप यश भारत न्यूज़ चैनल के साथ-साथ यशभारत के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विस्तार से देख सकते हैं।

चाकू को अंडरमाइंड नहीं किया जा सकता

कार्यक्रम की शुरुआत में संचालक आशीष शुक्ला द्वारा एसपी संपत उपाध्याय से शहर में हो रही चाकू बाजी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए चाकू के साथ पकड़े जाने पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किए जाने को पर चर्चा की गई। जिसके जवाब में संपत उपाध्याय ने बताया कि शहर में लगातार चाकू बाजी की घटनाएं हो रही थीं और फरियादी पुलिस को जो जानकारी देता है उसी के आधार पर मामला दर्ज किया जाता है । चाकू एक घातक हथियार है यह सभी को पता है इससे वारदातें पहले भी होती रही है इसमें लोग घायल होते हैं और लोगों की जान भी जाती है। ऐसे में अपराध की प्रवृत्ति के हिसाब से कार्रवाई की जाती है और चाकू को अपराध की दृष्टि से अंडरमाइंड नहीं किया जा सकता।

सतर्कता ही साइबर क्राइम से बचाव

लगातार बढ़ रही साइबर क्राइम की वारदातों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में एसपी संपत उपाध्याय द्वारा बताया गया कि साइबर क्राइम को लेकर अवेयरनेस की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। इस अपराध में लोगों का डर ही उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। वर्तमान में देखा जा रहा है कि लोग डर के कारण इस अपराध का शिकार हो रहे हैं। जिसमें ठगी करने वाले लोग अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं और पैसे ऐठते हैं,जिसको लेकर पुलिस द्वारा भी लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें लोगों को बताया जा रहा है कि वह कैसे इन अपराधों से बच सकते हैं। खास तौर पर डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों को सबसे ज्यादा आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। इन अपराधों को रोकने के लिए साइबर सेल जबलपुर में भी संसाधनों के साथ-साथ स्टाफ को बढ़ाया जा रहा है और उन्हें बेहतर ट्रेनिंग दी जा रही है। एसपी संपत उपाध्याय ने आम लोगों से भी अपील की है कि वह जब भी इस तरह का कोई फोन आता है तो वह डरे नहीं बल्कि उसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को करें।

ट्रैफिक को लेकर जागरूकता की आवश्यकता

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और सड़क दुर्घटनाओं को लेकर एसपी संपत उपाध्याय ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में जो मृत्यु होती हैं वह बहुत ही दुखद होती हैं। इसको लेकर वे व्यक्तिगत रूप से दुखी हो जाते हैं ऐसे में पुलिस इन घटनाओं को कम करने के लिए दो पहिया वाहनों पर हेलमेट और चार पहिया वाहनों पर सीट बेल्ट को लेकर तो अभियान चलाती ही है । वर्तमान में देखने को आ रहा है कि ई-रिक्शा के चलते भी सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है। जिसको लेकर काम किया जा रहा है और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सही करने के लिए आरटीओ नगर निगम जिला प्रशासन के साथ समन्वय करके एक कार्य योजना तैयार की जा रही है जो जल्द ही लागू होगी। ट्रैफिक के विषय में उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे भी ट्रैफिक नियमों का पालन करें जिससे शहर का यातायात व्यवस्थित हो सकता है।

पुलिसिंग में मानवीय पहलू भी जरूरी है

व्यक्तिगत जीवन और आईपीएस बनने के विषय में पूछे गए सवालों के जवाब में एसपी संपत उपाध्याय ने बताया कि जीवन के उद्देश्य निर्धारित कर पाना यह तो एक दार्शनिक विषय है। इस विषय का जवाब बड़े-बड़े विद्वान भी नहीं दे पाते हैं । उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश कैडर में आईपीएस बनने के पहले उन्हें मध्य प्रदेश के विषय में बहुत अधिक जानकारी नहीं थी, लेकिन जब मध्य प्रदेश में आए तो उन्होंने इस प्रदेश के मिजाज को समझा और यह उन्हें बड़ा ही शांत और मिलनसार प्रदेश लगा। वहीं उन्होंने पुलिसिंग के विषय में बताया कि जो भी व्यक्ति पुलिस के पास आता है वह बड़ी उम्मीद के साथ आता है । उसे लगता है कि उसे यहां न्याय मिलेगा ऐसे में पुलिस का भी दायित्व होता है कि वह कानूनी पहलुओं के साथ-साथ मानवीय पहलुओं का भी ध्यान रखें। कभी-कभी ऐसे विषय होते हैं जो कानून पुलिस के हस्तक्षेप योग्य नहीं होते हैं। लेकिन उसके बाद भी हमारा प्रयास रहता है कि हमारे पास उम्मीद से आए हुए व्यक्ति की हर संभव मदद कर सके।

जनता का सहयोग जरूरी

प्राइम टाइम विथ आशीष शुक्ला में चर्चा के दौरान एसपी संपत उपाध्याय द्वारा आम जनता से जुड़े हुए बिंदुओं पर भी खुलकर अपने विचार रखें। इस दौरान उन्होंने कम उम्र में नशे और अपराध से जुड़ रहे बच्चों को लेकर कहा कि यह उन बच्चों के परिवार के लिए नुकसान दायक तो है ही यह देश के लिए भी नुकसानदेह है । क्योंकि बच्चे देश का भविष्य होते हैं और उन्हें इन बुराइयों से दूर करने को लेकर भी काम किया जा रहा है और आम जनता की भी जिम्मेदारी है कि यदि उन्हें ऐसा कुछ दिखाई देता है तो वह तत्काल संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दें। इसके अलावा अपराधों को रोकने के लिए उन्होंने जनता से अपील की कि वह अपने सोसाइटी में अपने व्यापारिक क्षेत्र में सामूहिक रूप से या फिर व्यक्तिगत रूप से यथासंभव सीसीटीवी कैमरे लगाए। जिससे अपराधों पर रोकथाम में सहायता मिलती है ,साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जो लोगों के मन में भ्रांति फैली हुई है कि पुलिस से न दोस्ती अच्छी होती है न बुराई अच्छी होती है यह पूरी तरह से गलत है ।आम जनता को पुलिस की मदद करनी चाहिए और ऐसा कभी नहीं होता है कि पुलिस की मदद करने पर पुलिस उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान करें।

 

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