JABALPUR NEWS: बैंक ऑफ महाराष्ट्र धनपुरी शाखा: केवाईसी कराने के नाम प्रताडि़त कर रहा बैंक का स्टाफ

जबलपुर, यशभारत। बैंक का काम होता है, ग्राहकों की सेवा करना और सबसे ज्यादा ध्यान बुजुर्ग ग्राहकों का रखना होता है। परंतु बरेला से कुछ किलोमीटर दूर बैंक आफ महाराष्ट्र धनपुरी शाखा में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। बैंक के ग्रामीण ग्राहक पूरे स्टाफ से परेशान है, केवाईसी की आड़ में ग्राहकों को परेशान किया जा रहा है, इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग ग्राहक परेशान हो रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि उन बुजुर्ग ग्राहकों को केवाईसी के लिए कहा जा रहा है जिन्होंने काफी पहले ही अपनी केवाईसी करा ली है। करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर को बैंक ऑफ महाराष्ट्र धनपुरी शाखा की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत सौंपी है। धनपुरी बैंक ऑफ महाराष्ट्र से वहां के दर्जन भर लगे गांव धनपुरी पहाड़ीखेडा डूडी उमरिया कुडाऱी टिकरा डूगां मेहगांव पड़वार परतला मलारा आदि गांवों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं कुछ हितग्राहियों ने बताया है कि वहां का स्टाफ सही तरीके से बात नहीं करता है और वही बैंक की केवाईसी फॉर्म भरे हुये एक महीने से ज्यादा हो गये लेकिन अभी तक केवाईसी नहीं हुई है वही पूछने पर बोल दिया जाता है कि हो जाएगी बाद में आना अभी टाईम नहीं है।
बैंक मैनेजर सीधे मुंह बात नहीं करते
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र धनपुरी शाखा में मनमानी चरम पर है। ग्राहकों से ऐसा बर्ताव किया जा रहा है जैसे वह जानवर हो। बैंक मैनेजर अनमोल रंजन से जब भी समस्याओं को लेकर बात करनी होती है तो वह सीधे मुंह बात नहीं करते हैं। छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाना मैनेजर का काम हो गया है। बैंक मैनेजर कुछ दिनों से अवकाश पर है जबकि सहायक बैंक मैनेजर अभिषेक बात करने को तैयार नहीं है।
बुजुर्गों से बात ही नहीं करना चाहते हैं
ग्रामीण पुप्तो बाई , विनीता बाई , फगनी बाई , तारा बाई , ज्ञानवती , श्याम बाई , मुन्नी बाई प्रेमचंद पटेल, बाबूलाल चमार अजय नाथ , गोपाल पटेल, श्री मदन उपाध्याय, श्रीमति राधा बाई , सुखमनिका बाई , जानकी बाई , आशीष यादव, तीरथ प्रसाद, विश्वाम , संजय अवस्थी , दीपक लोधी , विकास ठाकुर आदि ने बताया कि बैंक के पूरे स्टाफ का बर्ताव ठीक नहीं है। सबसे ज्यादा बुजुर्ग परेशान रहते हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर से बैंक स्टाफ पर उचित कार्रवाई की मांग रखी है।