जिला अस्पताल के संवेदनहीन डॉक्टर-नर्सः मरने के पहले वृद्धा का वीडियो , डॉक्टर-नर्स के पैर पड़े फिर भी भर्ती नहीं किया
जबलपुर, यशभारत। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, किसी भी तरह की बीमारी होने पर व्यक्ति डॉक्टर के पास पहंुचते हैं और उनसे उम्मीद लगाकर अपना इलाज कराते हैं। परंतु जिला अस्पताल विक्टोरिया में हुई एक घटना ने डॉक्टर के पेशे को शर्मसार कर दिया है। दरअसल एक वृद्व का मौत के पहले एक वीडियो सामने आया है जिसमें इलाज नहीं ं मिलने का आरोप लगा रहा है। वृद्व का कहना है कि इलाज के लिए वो कई बार डॉक्टरों के पास गया पैर पड़े, नर्सों के सामने हाथ जोड़े पर सभी ने उसे दुत्कार भगा दिया। इस मामले को संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायंे डॉक्टर संजय मिश्रा ने संज्ञान लिया है उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है।
यशभारत के पास वृद्व का वीडियो है जिसमें वह अपना नाम दिलीप सोनी सागर निवासी बता रहा है। वृद्व वीडियो में साफ तौर पर कह रहा है कि वह इलाज के लिए विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टरों के पास 25 बार गया, हाथ पैर जोड़े परंतु किसी ने भी इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती नहीं कराया।
सीमेंट पटटी पर तीन माह से गुजार रहा रात
बताया जा रहा है कि मृतक दिलीप सोनी कई बीमारियों से पीड़ित था, और तीन माह से वह जिला अस्पताल में बैठने के लिए बनी सीमेंट पटटी पर रात गुजार रहा था। उसको आस थी कि यहां रहने से एक दिन डॉक्टर-नर्स उसकी सुध लेंगे और उसका इलाज शुरू करेंगे। परंतु जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए वृद्व को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया।
15 दिन से चक्कर लगा रहा था
वायरल वीडियो में मृतक दिलीप सोनी कहता नजर आ रहा है कि वह इलाज के लिए 15 दिन से डॉक्टर-नर्स के चक्कर काट रहा था परंतु डॉक्टरों ने उसे भर्ती नहीं कराया। वृद्व की मौत पर जिला अस्पताल विक्टोरिया की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं, मरीजों को किस तरह से इलाज और उनकी देखभाल की जा रही है अंदाजा वृद्व की मौत से लगाया जा सकता है।
गरीब नवाज कमेटी ने कराया अंतिम संस्कार
गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली ने बताया कि पिछले दिनों से एक सूचना मिली थी कि एक वृद्व बीमार है और उसे इलाज नहीं मिल रहा है। डॉक्टरों से बात की गई तो उन्होंने पहले इलाज के लिए बोला था परंतु वृद्व को भर्ती नहीं किया। आज सुबह सूचना मिली कि वृद्व की मौत हो गई है। मृतक के परिजनों को पता लगाया गया तो पता चला कि शांतिनगर समता कॉलोनी में उसके रिश्तेदार रहते हैं उन्हें सूचना दी गई इसके बाद रानीतालमुक्तिधाम में मोहम्मद फैज, बच्चूनानकानी, रियाज अली, बाबू खान, मोहम्मद शाहीद, मोहम्मद जफर, दीपक निगम की मदद से अंतिम संस्कार कराया गया।