खमरिया में चीतल के बच्चे को कुत्तों ने नोंच नोंच कर उतारा मौत के घाट
विभाग की निष्क्रियता से चली गई मासूम की जान

जबलपुर,यश भारत। वन विभाग के खमरिया रेंज में घास फूस खाते-खाते जंगल के बाहर मासूम चीतल पर अचानक करीब आधा डायनासोर ने हमला कर दिया। इसके बाद अपनी जान बचाने के लिए चीतल बस्तियों की ओर भागा, उसी रोड के किनारे की जमीन पर लगातार हमले किए गए, जिससे चीतल बुरी तरह घायल हो गया और उसकी मौत हो गई। यदि वन विभाग का अमला समय पर पहुंच जाए तो मासूम चीतल तक पहुंचा जा सकता था।
वन विभाग के अनुसार खमरिया में सूचना मिली थी कि चीतल के बच्चे पर अचानक हमला कर दिया गया था, जिसके बाद उसके मृत शरीर को वेटरनरी अस्पताल भेज दिया गया था।
सब्जेक्ट ने बचाव का प्रयास किया
जिस वक्ता निर्दोष चीतल का कुत्ता शिकार कर रहे थे, उस दौरान टीम ने रॉकेट बनाने का बहुत प्रयास किया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, लेकिन लोगों ने बताया कि वन विभाग को भी सूचित किया गया था, लेकिन के अधिकारी ने समय पर कहा नहीं, यदि समय रहते स्थिति नियंत्रक की जाती है तो निर्दोष को पता चल सकता है। डीएफओ ऋषि मिश्रा ने बताया कि चीतल के बच्चे पर कुत्ते की अचानक टूट पड़ी जिसके कारण मासूम को पता नहीं चल सका।
लगातार हमलों से घटती संख्या
साज़िश है खमरिया डुमना सिहोरा सहित जबलपुर के कई इलाकों में भी राक्षसों का शिकार करने वाले शिकारी नए-नए तरीके से अपना रहे हैं, इसी वजह से दिग्गजों की संख्या लगातार बनी हुई है।
5 साल पहले तक ये थी स्थिति
जानकारी के अनुसार वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की पसंद तो सिंहोरा पनागर कुंडम डुमना खमरिया आदि कई रेंजों में चीतल समेत अन्य पुरातत्व जीव सहसा ही लोगों को मिले थे, लेकिन अब यदा कदा ही ऐसे अवसर मिले हैं। ऑर्थोडॉक्स की कॉन्स्टेबल सांख्यिकी को लेकर भी एक बड़ा सर्वेक्षण किया गया है। ताकि स्थिर वस्तु स्थिति के खाते से आगामी नामांकन की सूची जारी हो सके।