बारिश की रिमझिम बूंदो के बीच अदा हुई ईदुज्जुहा की नमाज- अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है:मौलाना
, सजदे में झुके सिर
जबलपुर, यशभारत। मुस्लिम धर्मावलंबियों के प्रमुख त्योहार ईदुज्जुहा (बकरीद) के मौके पर नायबे मुफ्ती ए आज़म मध्य प्रदेश मुशाहिद रज़ा कादरी बुरहानी ने रानीताल ईदगाह में संबोधित करते हुए कहा कि हजऱत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की यादगार और सुन्नत को पूरा करने के लिए हम अल्लाह की बारगाह में कुर्बानी पेश करते है। मौलाना साहब ने कहा कि हर साहिबे हैसियत पर कुर्बानी वाजिब है। हमारी जिंदगी जीने का तरीका कुरान और हदीस शरीफ पर बना हुआ है, हमे लाजमी है कि हम इस अमल करे। मौलाना साहब ने हिदायत देते हुए कहा कि कुर्बानी के वीडियो सोशल मिडिया में शेयर न करें ताकि किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचे एसा करने की इजाजत न हमारा मजहब देता है न शरीयत देती हैं। मौलाना साहब ने कहा कि आज मुल्क का जो माहौल चल रहा है उस माहौल को देखते हुए हमें बहुत सब्र से काम लेना है।
हमारे जज्बातो को भड़काने के लिए इस तरह की हरकतें की जा रही है कि हम गुस्से में आए मगर हमें गुस्से से काम नहीं लेना है अल्लाह ने फरमाया है कि मंै सब्र करने बालों के साथ है। मौलाना साहब ने कहा कि इल्म मे ंतरक़्क़ी है। इल्म हासिल करो इल्म से पहचान मिलती है दिनी और दुनियावी दोनों इल्म हासिल करे। अंत में मौलाना साहब ने कहा कि इस्लाम के दायरे और तहजीब के दायरे मे रहाकर सब्र के साथ त्यौहार मनायेंगे।
तकरीर के उपरांत मौलाना मुहम्मद सूफी जियाउल हक कादरी बुरहानी ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा कराई। लगभग 40 हजार मुस्लिमों ने ईद की नमाज अदा की। ईदगाह में अल्लाहो अकबर की गूँज पर हजारों सिर एक साथ सजदे में झुक गए। ख़ुदा की बंदगी का यह नजारा काबिले दीद था। नमाजोपरांत ईदुज्जुहा का खुत्वा पढ़ा गया । मुफ्ती ए आजम ने मुल्क में अमन शांति और खुशहाली के लिए दुआ की । नमाज के बाद लोगों ने आपस में गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद पेश की । ईदगाह के प्रवेश द्वार पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, राजनैतिक कार्यकर्ताओं तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मौलाना साहब तथा मुस्लिम भाईयों से गले मिलकर ईद की शुभकामनाएँ दीं। ईदुज्जुहा के अवसर पर प्रशासन द्वारा अमन-शांति हेतु कानून व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किये गये। इस मौके पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन और पुलिस अधीक्षक टी के विद्यार्थी ने वहां पहुंचकर मुबारक बाद दी।
ईदगाह गोहलपुर- ईदुज्जुहा के मौके पर मोमिन ईदगाह गोहलपुर में सुबह 8 बजे हजारों की तादाद में मुसलमानों ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा की। हाफिज मुहम्मद ताहिर साहब ने ईद की नमाज अदा कराई। राजनैतिक दलों के कार्यकर्त्ता भी बड़ी संख्या में ईदगाह पहुंचे तथा मुस्लिम बंधुओं से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। सदर बाजार ईदगाह में सुबह 9 बजे ईदुज्जुहा की नमाज अदा की गई। हाफिज मकसूद अहमद साहब ने ईद की नमाज अदा कराई। सदर ईदगाह में सुरक्षा संस्थानों सेना इकाईयों में सेवारत मुस्लिम अधिकारियों कर्मचारियों तथा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में अध्ययनरत मुस्लिम छात्रों ने भी ईद की नमाज अदा की। उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा स्थित ईदगाह काजी मुहल्ला में प्रात: 9.30 बजे मुस्लिमों ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा की।
हाफिज कारी अमीर अशरफ ने ईद की नमाज अदा कराई । नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में सेवारत मुस्लिम कर्मचारियों तथा अध्ययनरत मुस्लिम विद्यार्थियों ने भी गढ़ा ईदगाह में ईदुज्जुहा की नमाज अदा की। फूटाताल स्थित शिया जामा मस्जिद जाकिर अली में प्रात: 10 बजे शिया मुस्लिमों ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा की। मौलाना सैयद हैदर मेहदी ने ईद की नमाज अदा कराई। नमाजोपरांत शिया बंधु आपस में गले मिले तथा एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। शिया बहुल क्षेत्र बेलबाग टोरिया में दिन भर ईद की चहल पहल रही।
मुस्लिम बहुल क्षेत्र – ईदुज्जुहा के मौके पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र मंडी मदार टेकरी स्थित जामा मस्जिद सहित प्रमुख मस्जिदों में भी बड़ी संख्या में मुसलमानों ने ईद की नमाज अदा की । आगा चौक स्थित हजरत मिर्जा आगा मोहम्मद साहब की दरगाह, सुव्हानबाग तथा मदनमहल दरगाह स्थित मस्जिद गौसुलवरा नूरानी में ईदुज्जुहा की नमाज अदा की गई। उपनगरीय क्षेत्र रामपुर, अधारताल, सतपुला, रांझी, खमरिया एवं व्हीकल इस्टेट मस्जिद मेंभी बड़ी तादाद में मुस्लिमों ने ईदुज्जुहा की नमाज अदा की।
बकरों की कुर्बानी – ईदुज्जुहा बकरीद के मौके पर सक्षम मुस्लिमों ने सुन्नते इब्राहीमी की यादगार में बकरों की कुर्बानी पेश की । मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दिन भर खुशी और हर्षोल्लास का माहौल रहा। बारिश भी बच्चों का उत्साह कम नहीं कर पाई। मोतीनाला ग्राउंड, चार खंबा, बहोराबाग, मदार टेकरी, गढ़ा मुजावर मोहल्ला मे लगे झूलों पर बच्चों के साथ बड़ों ने भी लुत्फ उठाया । मुस्लिम इलाकों में ध्वनि विस्तारकों पर दिनभर कलाम गूंजते रहे। रात्रि में दावतों का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा।