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इंसान जैसा दिखने वाला मेमना:बकरी ने दिया विकृत बच्चे को जन्म, देखने उमड़े लोग; सिरिंज से पिला रहे दूध

सिरोंज के सेमलखेड़ी गांव में एक बकरी ने विकृत बच्चे को जन्म दिया है। इस मेमने का मुंह इंसान जैसा लग रहा है। इस अजीब शक्ल के मेमने को देखने आसपास के लोग जमा हो गए। अलग तरह का मुंह होने के कारण बकरी भी इस मेमने को दूध नहीं पिला पा रही है। ऐसे में मेमने को सिरिंज से दूध पिलाया जा रहा है।

नबाब खां की इस बकरी के बच्चे का मुंह चश्मा लगाए बुजुर्ग जैसा लग रहा है। शुक्रवार को इस अजीब मेमने का जन्म हुआ था, जो इस समय तक जीवित है। डॉक्टर का कहना है कि अमूमन ऐसे विकृत बच्चों की उम्र कम होती है। सेमलखेड़ी के नबाब खां किसान हैं। उसके पास एक भैंस और 7 बकरियां हैं। इस बकरी ने पहली बार मेमने को जन्म दिया है।

बच्चे को पास नहीं आने दे रही बकरी

अजीब बच्चे को लेकर नबाब परेशान हैं। नबाब की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। वे पट पर खेत लेकर खेती करते हैं। खाली समय में हम्माली करते हैं। नबाब ने बताया कि बकरी इस अजीब बच्चे को अपने पास नहीं आने दे रही। मेमने की हालत कल के मुकाबले कमजोर हो गई है।

बकरी के इस बच्चे का पूरा शरीर सामान्य है। इसका चेहरा विकृत है। ऐसे में बकरी इसे दूध नहीं पिला पा रही है।
बकरी के इस बच्चे का पूरा शरीर सामान्य है। इसका चेहरा विकृत है। ऐसे में बकरी इसे दूध नहीं पिला पा रही है।

हजारों में से एक होता है ऐसा

पशु चिकित्सक मानव सिंह ने बताया कि आम बोलचाल की भाषा मे ऐसे विकृत बच्चे को मोनिस्टर किड कहते हैं। चिकित्सीय भाषा में इसे हेड डिस्पेसिया कहा जाता है। 50 हजार में से 1 इस तरह का केस होता है। ऐसे केस ज्यादातर गाय-भैंस में देखे जाते हैं। बकरियों में यह होना रियर है। यह मेमना ज्यादा नहीं जिएगा। ज्यादातर ऐसे बच्चे 1 हफ्ते से 15 दिन ही जी पाते हैं। ऐसे केस में बच्चे के सिर पर सूजन होती है। इसे हाइड्रो सिफेलिश कहा जाता है। इसकी 2 वजह मानी जाती हैं, एक गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी, दूसरा गर्भावस्था में गलत या प्रतिबंधित दवाई दे देना।

पशु चिकित्सक का कहना है कि गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी या गर्भावस्था में गलत या प्रतिबंधित दवाई देने से यह स्थिति बनती है। ऐसे केस ज्यादातर गाय-भैंस में देखे जाते हैं।
पशु चिकित्सक का कहना है कि गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी या गर्भावस्था में गलत या प्रतिबंधित दवाई देने से यह स्थिति बनती है। ऐसे केस ज्यादातर गाय-भैंस में देखे जाते हैं।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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