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हाईकोर्ट से निलंबित आरटीओ को राहत, भोपाल स्कूल बस हादसे के मामले में जितेंद्र शर्मा के निलंबन पर रोक

हाईकोर्ट से निलंबित आरटीओ को राहत,

भोपाल स्कूल बस हादसे के मामले में जितेंद्र शर्मा के निलंबन पर रोक

 

भोपाल, यश भारत। स्कूल बस हादसे के बाद निलंबित किए गए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) जितेंद्र शर्मा को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। अदालत ने उनके निलंबन आदेश पर फिलहाल रोक लगाते हुए निर्देश दिए हैं कि शर्मा को उनके पूर्व पद पर बहाल किया जाए।

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जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ में यह 20 मई को हुई सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि दुर्घटनाग्रस्त बस को जारी परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्र तत्कालीन आरटीओ जितेंद्र शर्मा द्वारा नहीं, बल्कि उनके पूर्ववर्ती अधिकारी संजय तिवारी द्वारा जारी किए गए थे।

 

दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ तथ्यों का आधार

 

हाईकोर्ट में प्रस्तुत रिकॉर्ड के अनुसार, बस को जारी परमिट 11 दिसंबर 2021 से 12 दिसंबर 2026 तक वैध था। वहीं, फिटनेस प्रमाणपत्र की अवधि 7 नवंबर 2023 से 28 नवंबर 2024 तक थी। अदालत ने माना कि जब इन दस्तावेजों को जारी करने में शर्मा की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं रही, तो उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी नहीं माना जा सकता।

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कोर्ट की टिप्पणी लापरवाही साबित हुए बिना कार्रवाई उचित नहीं’

 

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई केवल तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर ही की जानी चाहिए। जब तक यह सिद्ध न हो कि किसी दुर्घटना में उस अधिकारी की सीधी लापरवाही या कर्तव्यच्युत होना सामने आया है, तब तक उसे दोषी ठहराना न्यायोचित नहीं कहा जा सकता।

 

बहाली के निर्देश, चार सप्ताह में मांगा जवाब

 

कोर्ट ने राज्य शासन को चार सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। तब तक शर्मा को यथास्थिति में पदस्थ रखने को कहा गया है। यानी अगली सुनवाई तक वह आरटीओ पद पर कार्यरत रहेंगे। गौरतलब है कि भोपाल में कुछ सप्ताह पूर्व एक निजी स्कूल की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें कुछ छात्र घायल हो गए थे। इस घटना के बाद प्रशासन ने तत्कालीन आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया था। हालांकि अब न्यायालय ने मामले की विस्तृत समीक्षा करते हुए निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है।

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