जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

यहां दिखती है बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर, इस बार भी दिलचस्प मुकाबला

प्रदेश में 17 नवंबर को विधान सभा चुनाव होने हैं। इस बीच प्रदेश के झाबुआ जिले की पेटलावद सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। बीजेपी ने इस विधान सभा सीट पर निर्मला भूरिया तो कांग्रेस ने वालसिंह मैड़ा को मैदान में उतारा। आपको बता दें कि वालसिंह मैड़ा कांग्रेस का पुराना चेहरा है। वहीं बीजेपी ने भी पुराने चेहरे निर्मला भूरिया पर भरोसा जताया।

निमाड़ अंचल की चर्चित सीटों में एक है पेटलावद सीट। यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और यहां पर आदिवासी वोटर्स ही निर्णायक भूमिका में रहे हैं। खुद निर्मला भूरिया भी आदिवासी समाज से ताल्लुक रखती हैं। यहां किसान वोटर्स की भी अच्छी संख्या है। किसान भी अपनी उपज के लिए सही मुआवजे को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इस सीट पर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार बड़े मुद्दे रहे हैं। साथ ही पीने के लिए स्वच्छ पानी की कमी से क्षेत्र के लोग त्रस्त हैं।

जानें इतिहास

वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में पेटलावद विधान सभा सीट पर कुल 247585 मतदाता थे और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार मैड़ा वालसिंह को 93425 वोट देकर जिताया था और उन्हें विधायक बनने का मौका दिया था। जबकि बीजेपी उम्मीदवार निर्मला दिलीपसिंह भूरिया को 88425 वोट ही मिले। यानी वे 5000 वोटों से चुनाव हार गए थे। वहीं इससे पहले साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पेटलावद विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार निर्मला दिलीपसिंह भूरिया ने जीत दर्ज कराई थी। उन्हें 80384 वोट मिले थे। 2013 के विधान सभा चुनावों मे इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार वालसिंह मैड़ा को 63368 वोट मिल पाए थे और वे 17016 वोटों के अंतर से हारे थे। इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में पेटलावद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार वालसिंह मैड़ा को कुल 44878 वोट हासिल हुए थे और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी निर्मला भूरिया दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 36294 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 8584 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे।

कितने वोटर
5 साल पहले हुए चुनाव में पेटलावद विधानसभा सीट पर कुल 2,37,867 वोटर्स थे जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,19,461 थी तो, महिला वोटर्स की संख्या 1,18,400 थी। इसमें कुल 1,94,056 (83.8%) वोटर्स ने वोट डाले। NOTA के पक्ष में 5,148 (2.2%) वोट पड़े)।

Related Articles

Back to top button