सोना, चांदी, कैंसर की दवा हुईं सस्ती, वहीं धूम्रपान करना और हवाई सफर हुआ महंगा ,जानिए बजट में क्या हुआ महंगा-क्या सस्ता
क्या होता है एंजेल टैक्स? जिसे पूरी तरह से खत्म करने का किया गया है ऐलान ???खत्म करने से आम आदमी पर इसका क्या असर पड़ेगा?? पढ़ें पूरी खबर
जबलपुर यश भारत ।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना 7वां बजट पेश कर दिया हैं. इस बजट से आम आदमी को काफी उम्मीदे हैं. इस बजट में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए. लेकिन सबसे ज्यादा नजरें इस बात पर टिकी थी कि इस बार क्या सस्ता हुआ है और क्या मंहगा. इस बार बड़ी घोषणाएं करते हुए वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन सस्ता करने की घोषणा कर दी है. वहीं कैंसर की दवा भी सस्ती कर दी गई. लिथियम आयन बैटरी सस्ती करने की घोषणा की गई है. जिसका मतलब है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल भी सस्ते हो सकते हैं. साथ ही इम्पोर्टेड ज्वेलरी भी सस्ती करने की घोषणा की गई है
ये हुआ सस्ता –कैंसर के उपचार के लिए तीन और दवाओं पर कस्टम छूट , मोबाइल , संबंधित पुर्जों, चार्जरों पर सीमा शुल्क घटायाए ,एक्सरे ट्यूब पर छूट , फोन, चार्जर पर ड्यूटी 15% कम ,25 अहम खनिजों पर ड्यूटी खत्म, फिश फीड पर ड्यूटी घटी ,देश में बनने वाले चमड़े, कपड़ा और जूते सस्ते होंगे,सोना, चांदी पर 6% कम ड्यूटी, प्लेटिनम पर 6.4% ड्यूटी घटी
ये हुआ महंगा– प्लास्टिक सामान पर आयात शुल्क बढ़ा,पेट्रोकेमिकल अमोनियम नाइट्रेट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी,पीवीसी – इंपोर्ट घटाने के लिए 10 से 25 फीसदी का इजाफा,हवाई सफर महंगा,सिगरेट भी महंगी हुई
खत्म हुआ ऐंजल टैक्स –वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 को लेकर संसद में कई बड़े ऐलान किए हैं. इसी में से एक ऐलान एंजेल टैक्स को लेकर हुआ है. वित्त मंत्री ने कहा कि एंजेल टैक्स को अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. चलिए जानते हैं कि आखिर ये एंजेल टैक्स था क्या और इसे हटाने की मांग पहले से ही क्यों हो रही थी. इसके साथ ही जानेंगे कि इसे खत्म करने से आम आदमी पर इसका क्या असर पड़ेगा.एंजेल टैक्स (Angel Tax) को देश में साल 2012 में लागू किया गया था. यह टैक्स उन अनलिस्टेड बिजनेस पर लागू होता था, जो एंजेल निवेशको से फंडिंग हासिल करते थे.
क्या है एंजेल टैक्स-एंजेल टैक्स (Angel Tax) को देश में साल 2012 में लागू किया गया था. यह टैक्स उन अनलिस्टेड बिजनेस पर लागू होता था, जो एंजेल निवेशको से फंडिंग हासिल करते थे. इसे आसान भाषा में इस तरह से समझ सकते हैं कि जब कोई स्टार्टअप किसी एंजेल निवेशक से फंड लेता था तो वह इस पर भी टैक्स चुकाता था. यह सारी प्रक्रिया आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत होती थी.
सरकार ये टैक्स क्यों लाई थी?दरअसल, सरकार का मानना था कि इसके जरिए वह मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगा सकती है. इसके अलावा इस टैक्स की मदद से सरकार सभी तरह के बिजनेस को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश कर रही थी. हालांकि, सरकार के इस कदम से देश के तमाम स्टार्टअप्स को नुकसान झेलना पड़ रहा था. यही वजह थी कि इस टैक्स को खत्म करने की मांग उठ रही थी. इस टैक्स को लेकर असली दिक्कत तब होती थी जब किसी स्टार्टअप को मिलने वाला इन्वेस्टमेंट उसकी फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) से भी अधिक हो जाता था. ऐसी हालत में स्टार्टअप को 30.9 फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता था.खैर, अब मोदी सरकार ने इस टैक्स को खत्म कर दिया है और इससे देश के स्टार्टअप्स को फायदा होगा. आपको बता दें, बीते कुछ वर्षों में देश में स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही कई स्टार्टअप्स ऐसे भी हैं जो यूनिकॉर्न बने हैं. मोदी सरकार का लक्ष्य देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है. इसलिए वह हर संभव प्रयास कर रही है कि स्टार्टअप्स को हर तरह की मदद की जाए.
न्यू इनकम टैक्स रीजीम में बड़ा बदलाव-वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई- नई टैक्स व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में 17,500 रुपये बचाएंगे – नई टैक्स व्यवस्था में सबसे कम स्लैब 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया – नई टैक्स व्यवस्था में 3-7 लाख रुपये के स्लैब पर 5% टैक्स – नई टैक्स व्यवस्था में 7-10 लाख रुपये के स्लैब पर 10% कर नई टैक्स व्यवस्था में 10-12 लाख रुपये के स्लैब पर 15% टैक्स नई कर व्यवस्था में 12-15 लाख रुपये के स्लैब पर 20% टैक्स – नई कर व्यवस्था में 15 लाख रुपये से अधिक के स्लैब पर 30% टैक्स
निर्मला सीतारमण ने आयकर की समीक्षा की घोषणा की निर्मला सीतारमण ने कहा, “मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा करती हूं. इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी. इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है.”
बाढ़ से प्रभावित राज्यों को वित्तीय सहायता –वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए बड़ी राहत की घोषण की है. वित्त मंत्री ने कहा कि असम और हिमाचल प्रदेश को बाढ़ प्रबंधन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी. इसके साथ ही सिक्किम और उत्तराखंड को भी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी
पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर बहुत बड़ा ऐलान-बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर बहुत बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने अपने बजट भाषण में नई टैक्स रीजीम चुनने वाले सैलरीड क्लास वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा कर 75000 रुपये करने का ऐलान किया है.
निर्मला सीतारमण ने जीएसटी पर क्या कहा
निर्मला सीतारमण ने कहा, “GST ने आम आदमी के लिए कर संबंधी घटनाओं को काफी हद तक कम कर दिया है और उद्योग के लिए अनुपालन को आसान बना दिया है, जो कि एक बड़ी सफलता है. जीएसटी के लाभों को और बढ़ाने के लिए, हम कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने का प्रयास करेंगे.
बजट को लेकर शहर उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया
स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा दिया गया है जो कि अच्छा है। इससे रोजगार जनरेट होगा। जारी हुए बजट में जितना आंध्रप्रदेश को बजट दिया गया है उतना ही मध्यप्रदेश को देना चाहिए था। बस इसी बात का थोड़ा मलाल लग रहा है । कृष्णा मालपाणी, उद्योगपति।
बजट अच्छा है फंड का एलोकेशन ठीक तरीके से किया गया है। लेकिन मिडिल क्लास के लिए बहुत अधिक इस बजट में दिख नहीं रहा है। साथ ही जो शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन पर टैक्स बढ़ाया गया है उसका असर शेयर मार्केट पर दिखेगा और शेयर बाजार की गति कुछ काम हो सकती है लेकिन लंबे समय के लिए बजट अच्छा है । राजकुमार सिंघई ,डायरेक्ट म्युचुअल फंड शॉपिंग