नियमों को ताक पर रखकर हो रहा कचरा परिवहन
हवा में उड़ रही गंदगी , संक्रामक बीमारियां बढऩे का अंदेशा
जबलपुर,यशभारत। डोर-टू-डोर कचरा वाहनों के चालक इन दिनों अपनी मनमानी पर उतारू हैं। जिसकी वजह से शहर में संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग संक्रामक बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। जिसकी एक प्रमुख वजह ये है कि कचरा वाहन चालक बिना ढके ही घरों से कचरा अपने वाहन में लोड करके कठौंदा स्थित कचरा प्लांट तक ले जा रहे हैं। जबकि नियमों के अनुसार चालकों को कचरा ढांककर ले जाना चाहिए। फिलहाल नियमों का पालन करते कचरा वाहन चालक नहीं दिख रहे हैं। उधर दूसरी तरफ नगर निगम के जिम्मेदार दावा कर रहे हैं कि वे नियमों को तोडऩे वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार घरों से निकलने वाले अपशिष्ट गंदगी का परिवहन जब चालक वाहनों में करते हैं तो हवा में कचरे से उडऩे वाले बारीक गण संक्रमण बढ़ा रहे हैं जिसकी वजह से लोगों को स्किन और सांस संबंधी बीमारी हो सकती है। इसके साथ ही लोगों के घरों से निकलने वाले कचरे में अधिकतर कटी सब्जियां, सड़े फल, दवाईयों के खाली पैकेट्स और अन्य गंदगी शामिल रहती है। जब चालक इन सबको बिना कवर किए कठौंदा स्थित कचरा प्लांट तक ले जाते हैं तो ऐसे में हवा में अपशिष्ट के कण उड़कर शहरवासियों के लिए घातक साबित हो रहे हैं।
500 से 2 हजार रुपए तक का लगता है जुर्माना
जानकारी के अनुसार बिना ढके कचरे का परिवहन करने वाले चालकों के खिलाफ चालानी कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाती है जिसमें 500 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक का चालान शामिल होता है।
कई इलाकों में दो से तीन दिन में एक बार पहुंच रहे..
आईटीआई, गढ़ा, रामपुर, यादव कॉलोनी के रहवासियों की माने तो कचरा वाहन प्रतिदिन कचरा संग्रहित करने डोर-टू-डोर तक नहीं पहुंचते हैं। दो तीन दिन में एक बार ये यहां के रहवासियों के घरों तक पहुंचते हैं और फिर कचरे को बिना ढके ले जाते हैं।
ये हैं नियम
द्द कचरा घरों से संग्रहित करने वालों को खुद मास्क पहनना चाहिए।
द्द कचरा प्लांट तक कचरा ले जाते तक पूरे कचरे को ढंककर रखना चाहिए।
द्द गीला और सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहित करना चाहिए।