यूपीएससी कोचिंग में आई बाढ़, 3 छात्रों की मौत. Flood hits UPSC coaching centre, 3 students die
10 मिनट में भरा पानी, ढाई घंटे बाद आई पुलिस
नई दिल्ली एजेंसी। .दिल्ली के राजेंद्र नगर में 27 जुलाई की रात एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई है। दरअसल बारिश का पानी कोचिंग के बेसमेंट में भर गया था। बेसमेंट में लाइब्रेरी थी और लाइब्रेरी में छात्र पढ़ाई कर रहे थे। भारी बारिश का पानी अचानक से बेसमेंट में भर गया। कुछ लोगों को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तीन अभागे छात्र नवीन, श्रेया और तानिया फंस गए। उनकी सांसें बेसमेंट में भरे पानी में टूट गईं। इसी घटना से जुड़ी एक इनसाइड स्टोरी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हृदयेश चौहान नाम के एक्स अकाउंट से घटना का वीडियो पोस्ट करते हुए पूरी कहानी लिखी गई है। इस कहानी से पता चलता है कि सिस्टम कैसे काम करता है। और इंसानी जिंदगी के प्रति वह कितना सचेत है। हृदयेश चौहान ने अपने पोस्ट में लिखा है, ‘मैं इस डरावनी घटना में जीवित बचे लोगों में से एक हूं। पूरा बेसमेंट 10 मिनट के भीतर शाम के 6.40 तक भर गया था। हमने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी और पुलिस को फोन किया। लेकिन वे 9 बजे के बाद पहुंचे। तब तक हमारे तीन साथी अपनी जिंदगी से हाथ धो चुके थे। तीन दोस्त अस्पताल में हैं। प्लीज उनके लिए प्रार्थना करें। लेकिन हमारी जिंदगियों के बारे में कौन केयर करता है। बता दें कि राजेंद्र नगर में हुए हादसे पर राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी ने जहां आम आदमी पार्टी पर दिल्ली को बर्बाद करने का आरोप लगाया है। वहीं आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने राजधानी में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों की इमारतों की जांच का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि सभी कोचिंग संस्थानों की जांच की जाए और देखा जाए कि कहीं बेसमेंट का इस्तेमाल कॉमर्शियल रूप में तो नहीं हो रहा है।
छात्रों में उबाल; हिरासत
में मालिक-कॉर्डिनेटर
3 छात्रों की मौत के मामले में कोचिंग सेंटर का मालिक और कॉर्डिनेटर को हिरासत में लिया गया है. इस मामले में बीएनएस की धारा 105,106(1),152, 290 और 35 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. गौरतलब है कि इस हादसे में यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली श्रेया यादव, तेलंगाना की रहने वाली तानिया सोनी और केरल के अर्नाकुलम के रहने वाले नेविन डेल्विन की मौत हो गई. इस पूरे हादसे के बाद कोचिंग सेंटर का मैनेजमेंट और सिविक एजेंसी के लोग जांच के दायरे में हैं.कानून के जानकारों के मुताबिक इस मामले में जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वो काफी संगीन हैं और इनमें कड़ी सजा हो सकती है. आइए जानते हैं कि इन धाराओं में किन अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जाता है और दोषी पाए जाने पर क्या सजाएं हो सकती हैं. धारा- 105. गैर इरादतन हत्या के लिए सजा. धारा-106. लापरवाही से मौत का कारण बनना. धारा 152. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य. धारा-290. इमारतों को गिराने, उनकी मरम्मत करने या निर्माण करने आदि के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण. धारा-35. शरीर और संपत्ति की निजी रक्षा का अधिकार. धारा-105 में आजीवन या कम से कम 5 साल या बढ़ाकर 10 साल की सजा एवं जुर्माना हो सकता है. जबकि धारा 106 में 5 साल तक की जेल एवं जुर्माना की सजा हो सकती है. वहीं भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास या 7 साल एवं जुर्माना की सजा हो सकती है. धारा 290 में दोषी पाए जाने पर 6 महीने की सजा या 5000 जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकतीं हैं।
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