इंदौरग्वालियरजबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

4 लाख स्टूडेंट्स पर दर्ज हुई FIR; हाईकोर्ट के कार्रवाई करने के आदेश

क्राइम ब्रांच ने हरियाणा के करीब 4 लाख स्टूडेंट्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामला 2016 में सामने आया था। हाईकोर्ट में याचिका दायर करके शिकायत की गई कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में करीब 4 लाख स्टूडेंट्स फर्जी हैं। उन्हें मिड डे मील योजना के तहत एनरोल करके गलत तरीके से लाभ पहुंचाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुना।

सुप्रीम कोर्ट जब मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई तो 2 नवंबर 2019 को मामले की जांच CBI को सौंप दी, लेकिन CBI ने एक याचिका दायर करके दावा किया कि मामला बहुत बड़ा है। इसकी जांच करने के लिए काफी ज्यादा लोगों और समय की जरूरत होगी। इसलिए मामला राज्य पुलिस को सौंप दिया जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने CBI की याचिका खारिज कर दी और एजेंसी को 4 लाख फर्जी स्टूडेंट्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में याचिका दायर करके हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत घोटाला किया जा रहा है। आंकड़ों का मिलान करने से पता चला है कि सरकारी स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं में 22 लाख छात्र थे, लेकिन वास्तव में केवल 18 लाख छात्र ही पाए गए। 4 लाख फर्जी एडमिशन हुए। समाज के पिछड़े या गरीब वर्ग के छात्रों को स्कूल तक लाने के लिए प्रोत्साहित करने और मिड डे मील योजना के तहत लाभ दिए जा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने राज्य सतर्कता विभाग को इन 4 लाख छात्रों के लिए की गई हेराफेरी की जांच करने के आदेश दिए। विभाग ने एक वरिष्ठ अधिकारी को जांच करने के लिए नियुक्त किया। हाईकोर्ट की बेंच ने गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारी तय करने और दोष सिद्ध होने पर उसके अनुरूप कार्रवाई करने का आदेश दिया। सतर्कता ब्यूरो की अनुशंसा पर राज्य पुलिस ने 7 FIR दर्ज कीं। साल 2019 में क्राइम ब्रांच को सौंपा था केस

साल 2019 में एक आदेश जारी करके हाईकोर्ट ने कहा कि FIR दर्ज होने के बाद जांच बहुत धीमी चल रही है। इसलिए मामले की तेजी से और गहन जांच के लिए केस केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा जाता है। राज्य सतर्कता विभाग को 7 दिन के अंदर केस के सभी डॉक्यूमेंट क्राइम ब्रांच को सौंपने के आदेश दिए गए। CBI को 3 महीने के अंदर जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया, लेकिन क्राइम ब्रांच ने मैनपावर कम होने का हवाला देकर केस छोड़ना चाहा तो हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App
Notifications Powered By Aplu