कागजों पर तैयार हो रही उर्वरक की रिपोर्ट, उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप

जबलपुर, यश भारत। किसानों को अच्छी क्वालिटी का उर्वरक मिल सके और मिलावट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके इसको लेकर सरकार द्वारा जिले में उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला स्थापित की गई है लेकिन उसकी कार्य प्रणाली और उसके औचित्य पर सवाल उठ रहे हैं। जिसको लेकर भारतीय किसान संघ द्वारा शिकायत भी की गई थी जिसमें भोपाल में पदस्थ एक उच्च अधिकारी के द्वारा जांच की जा रही है। इस पूरे मामले में आरोप लगाया जा रहा है कि यहां जबलपुर शहर पूरे प्रदेश से उर्वरक के सैंपल आते हैं और उनकी लैब में जांच न करके सिर्फ कागजों पर रिपोर्ट बना कर दे दी जाती है।
दिया तले अंधेरा
यदि आरोप को सच माने तो यह पूरा कारनामा दिया तले अंधेरे की तरह है। एक ओर जहां इस पूरे सीजन में कृषि विभाग द्वारा उर्वरक की दुकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई, कई पर एफ आई आर भी हुई और सैंपल जांच के लिए भेजे गए , लेकिन यदि यह लेव सही तरीके से काम नहीं कर रही है तो फिर जांच रिपोर्ट पर सवाल तो उठेंगे ही, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि लैब में एक साल तक सैम्पलों को संरक्षित करके रखा जाता है ऐसे में उन नमूनों की दोबारा जांच की जाए तो वास्तविकता सामने आ जाएगी।
खाद से नहीं मिल रहा रिजल्ट
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी का कहना है कि उनके पास लंबे समय से किसानों द्वारा शिकायत आ रही थी, कि वह जिन उर्वरक का उपयोग कर रहे हैं इसका उन्हें उतना अच्छा परिणाम नहीं मिल रहा है जितना की कंपनियों के द्वारा दावा किया जाता है, जबकि वह बताए गए सही वैज्ञानिक तरीके से खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके चलते खाद के नकली होने को लेकर संदेश जाहिर किया जा रहा था जिसके बाद यह शिकायत की गई है।
वर्जन
मेरे द्वारा उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला के मामले में शिकायत की गई है, क्योंकि किसानों को सही तरीके से उर्वरक का फायदा नहीं मिल रहा है साथ ही साथ उक्त लैब में कुछ गंभीर अनियमितताएं हैं । जिसके प्रमाण हमारे पास है यदि जांच में यह चीज सामने नहीं आती है तो फिर हम उन बिंदुओं को सामने रखेंगे।
राघवेंद्र पटेल
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख
भारतीय किसान संघ