
जबलपुर, यश भारत। दूसरे जिलों में जबलपुर से भेजी गई धान में हुए गोलमाल को लेकर विधायक अजय बिश्नोई द्वारा लिखे गए पत्र के बाद शुरू की गई जांच कछुआ गति से चल रही है। जिसको लेकर अभी जांच दल सिर्फ प्रारंभिक जानकारियां को जुटाने में ही लगा हुआ है। इसके आगे मामला बढ़ ही नहीं पाया है। यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार जांच दल के द्वारा सहकारिता उपायुक्त से समितियां से उठाई गई धान के बारे में जानकारी मांगी गई थी। लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी सहकारिता विभाग द्वारा जांच दल को अलग-अलग समितियां से दी गई धान की जानकारी प्रस्तुत नहीं की है जिसके चलते जांच में देरी हो रही है।
इन बिंदुओं की मांगी गई है जानकारी
प्रशासनिक अधिकारियों की मांने तो सहकारिता उपायुक्त से शनिवार को जिन सेवा सहकारी समितियो से धान की डिलीवरी उपार्जन के दौरान हुई है उसकी बिंदुवार जानकारी मांगी गई थी जिसमें आर ओ की जानकारी, दिनांक, ट्रक नंबर, ड्राइवर का नाम और मात्रा पूछी गई है। लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी सहकारिता उपयुक्त कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिला है ।जबकि इसको लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय से जांच जल की सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप से भी फोन करके जल्द जानकारी देने को कहा गया था।
हो सकते हैं बड़े खुलासे
लगभग 600 से 700 धान के ऐसे रिलीज ऑर्डर है जो कि कागजों में ही स्टॉक घटकर एडजस्ट करे गए हैं। जिसकी जांच होना है लेकिन इस पूरे मामले में नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारी समितियो की भूमिका सबसे ज्यादा संदिग्ध है । जिसके चलते जानकारियां छुपाई जा रही हैं। वहीं जांच को लंबा खींचकर राइस मिलर उक्त रिलीज ऑर्डर के बराबर का चावल भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम के पास जमा करने का जुगाड़ लगा रहे हैं, लेकिन इस पूरे खेल में कागजों पर फर्जी एंट्री का एडजस्टमेंट आर ओ के माध्यम से हुआ है, और अब बाहर से खरीदे गए चावल को जमा करने का खेल भी चल रहा है, जिसके चलते जांच को लंबा खींचा जा रहा है
