जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

शराब माफिया के आगे आबकारी विभाग घुटना टेक: कलेक्टर का आदेश दरकिनार, मंहगे दामों पर बिक रही शराब

जबलपुर,। नये वित्तीय वर्ष के लिए शराब की कंपोजिट शराब की दुकानों के समूहों के नवीनीकरण की प्रक्रिया के चलते पूरा आबकारी विभाग शराब सिंडीकेट की गोद में बैठ गया और शराब माफिया मनमानी के आगे आबकारी अमले ने घुटने टेक दिए। जिले की सीमा में संचालित 143 दुकानों पर महंगी शराबें बेची जा रही है। ओवररेटिंग की शिकायतों के बाद जिला कलेक्टर द्वारा इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं। सहायक आबकारी आयुक्त रविन्द्र मानिकपुरी मौन धारण किए है। वित्तीय जानकारी के लिए उनका फोन ही रिसीव नहीं होता। कहा जा रहा है कि शराब ठेकेदारों के साथ आबकारी विभाग की बैठक के नाम पर हुई सांठगांठ के बाद जिले में शराब के दाम २० से ३० फीसदी बढ़ा दिए गए है। हो-हल्ला मचने पर १० प्रतिशत कम कर दिए गए और अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर शराब दुकान में जाकर फोटो सेशन कराया और खानापूर्ति कर चले आए। अभी तक विभाग की ओर से ओवररेटिंग का कोई भी ब्यौरा सार्वजनिक नही किया गया है। कलेक्टर के लिखित एवं मौखिक आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। जानकारों का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी नियामानुसार कार्रवाई नहीं हुई है। पिछले एक हफ्ते से शराब की ओवररेटिंग की अखबारों की सुर्खिया बनी हुई है। महंगी शराब बिकने के वीडियो भी वायरल हुए लेकिन हालात जस के तस बने हुए है।
सांठगांठ और ऊपरी दबाव की चर्चा……………
जिला आबकारी कंट्रोलरुम प्रभारी के साथ-साथ सहायक आबकारी आयुक्त सहित विभाग के अमले तक महंगी शराब बिकने के वीडियो सांझा किए गए, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से आबकारी विभाग और शराब सिंडीकेट के बीच सांठगांठ की खबरें सरगर्म है। वहीं यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि ऊपर से दबाव आने के बाद स्थानीय अमले ने शराब माफिया को प्रहृी हैंड दे दिया है अभी जिले के १४३ दुकानों के समूह ७०९ करोड के ठेके में चल रहे थे। अब यह १५ प्रतिशत वृद्धि के साथ ८०० करोड़ के पार हो गए। राजस्व पूर्ति के लिए नए वर्ष के पहले ही अघोषित ठेकेदारों को महंगी शराब बेचने की छूट दे दी गई ताकि वे नई दरों पर दुकानों का नवीनीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित हो और लॉटरी से निष्पादन की झंझट कम हो साथ ही बाद में सरकारी रेट से कम दर पर कुछ दुकानों को आवंटित किया जा सके।

 

शराब माफिया को किसका वरदहस्त?…………….
आबकारी विभाग के द्वारा शराब की नई दुकानों का ठेका दिए जाने के बाद आबकारी नीति २०२४-२५ के अनुसार शराब के दामों में वृद्धि १ अप्रैल से होनी है पर रसूखदार शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट ने इसके दामों को अभी से बढ़ा दिया है। आखिर इन ठेकेदारों को किसका वरदहस्त प्राप्त है जो इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

‘‘ आबकारी विभाग सहित राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए है, जहां भी जिन ठेकेदारों ने मदिरा के दाम गलत तरीके से बढ़ाए है उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।’’
दीपक कुमार सक्सेना कलेक्टर जबलपुर
इनका मोबाइल ही रिसीव नहीं होता……………..
‘‘ इस संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त रविन्द्र मानिकपुरी से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल नहीं रिसीव हुआ’’

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