चरगवां मिडिल स्कूल में शिक्षा देने में भेदभावः छात्रावासों के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं, गांव के बच्चों कर देेते हैं छुटटी

जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षा को बांटने और सबको शिक्षित करने के लिए लाखों नहीं करोड़ों रुपए खर्च कर रहे सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी है यहां तक की निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार में सीएम राइज स्कूलों की स्थापना की है परंतु जानकर हैरानी होगी थी शहपुरा जनपद के चरगवां मिडिल स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने में भेदभाव किया जा रहा है । इसका खुलासा उसे वक्त हुआ जब पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर दिया । इस वीडियो में देखा जा सकता है कि गांव के बच्चों की छुट्टी कर दी गई है जबकि छात्रावास में रहने वाले सभी विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है सबसे गौर करने वाली बात यह है कि पालक शिक्षक संघ अध्यक्ष ने स्कूल पहुंचकर स्कूल विरोध किया तो प्राचार्य सहित पूरा स्टाफ नाराज हो गया और शिक्षक संघ के अध्यक्ष को स्कूल से बाहर कर दिया।
चार दिन से गांव के बच्चों को स्कूल से भगाया जा रहा
पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप चैबे ने बताया कि विगत चार दिन से गांव के स्कूल ही बच्चों को स्कूल से कहकर भगा दिया जाता है की पानी टपक रहा है उसकी जानकारी देने स्कूल पहुंचे वीडियो बनाया तो कहीं पर भी पानी टपकता हुआ नजर नहीं आया । अंदर जाकर देखा तो छात्रावास में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लगी हुई थी प्रचार से पूछा गया कि गांव के बच्चों की क्यों छुट्टी कर दी गई तो उनका हताशा जवाब था पानी टपक रहा है इसलिए बच्चों को छुट्टी कर दी गई है।
स्कूली शिक्षा देने पर प्राचार्य कर रहे भेदभाव
पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार चैबे आरोप लगाते हुए कहा कि वह मिडिल स्कूल के प्राचार्य जगदीश मेहरा बच्चों को शिक्षा देने पर भेदभाव कर रहे हैं जानबूझकर गांव के बच्चों को पढ़ाई नहीं जा रहा है जबकि छात्रावास में रहने वाले बच्चों की नियमित कक्षाएं लग रही है सबसे हैरानी की बात यह है कि प्राचार्य से इस संबंध में पूछताछ की गई तो वह भड़क गए और उन्होंने स्कूल से बाहर कर दिया।